नई टिहरी, 25 मार्च। देवप्रयाग में आयोजित राष्ट्रीय राफ्टिंग चैम्पियनशिप में उत्तराखंड महिला टीम की खिलाड़ी बबीता ने अपने बलबूत पर उत्तराखंड का नाम देश में रोशन किया है। बबीता ने सीमित संसाधनों के बावजूद राफ्टिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। सरकार की ओर से कोई मदद न मिलने का भी बबीता को मलाल है, लेकिन इसके बाद भी वह अपने खेल को निरंतर निखारने का प्रयास कर रही है।
अल्मोड़ा की बबीता गोस्वामी ने देवप्रयाग में चल रही 16वीं राष्ट्रीय राफ्टिंग चैंपियनशिप की मैराथन रेस मे दूसरा स्थान व आरएक्स मिक्स में सिल्वर पदक हासिल किया है। उत्तराखंड टीम की 22 वर्षीय महिला खिलाड़ी बबीता इससे पूर्व पिछले दो सालों में लददाख की झास्कर नदी सहित सिंधु, सियांग, अलकनंदा जैसी नदियों में अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर चुकी हैं। इस वर्ष अरुणाचल में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय क्याक चैंपियनशिप में बबिता ने सिल्वर पदक जीता। बबिता का सपना ओलंपिक में खेलने का है, वह क्याकिंग ओलंपिक का हिस्सा भी हैं।
बबीता के पिता वाहन चालक और माता के साधारण गृहणी होने से बबिता को काफी संघर्ष कर आगे बढ़ना पड़ा, लेकिन विषम पारिवारिक स्थितियों ने बबीता के संकल्प को कभी कमजोर नही होने दिया। परिवार में सबसे बड़े होने की जिम्मेवारी निभाते हुए बबिता ने छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई में मदद के साथ ही अपने राफ्टिंग के जुनून को भी बनाये रखा। सरकार से कोई मदद नही मिल पाने का मलाल बबिता को है। अभी तक वह बीएसएफ से मिले राफ्टिंग के उपकरण व गाइडेंस से ही अपने खेल को जारी रखे हुए हैं। राफ्टिंग एक्सपर्ट शौकत सिकंद का कहना है कि बबीता एक असाधारण खिलाड़ी है। अगर उसे सरकारी मदद, सुविधा व सही मार्गदर्शन मिले तो वह देश के लिए ओलम्पिक मेडल जीत सकती है।