देहरादून। उत्तराखंड में सात साल बाद दोबारा शुरू हुई पुलिस सिपाही भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर अटक गई है। अब बेरोजगारों द्वारा आयु सीमा बढ़ाने की मांग के मद्देनजर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व ही शासन से इस मामले में आवश्यक दिशा निर्देश मांगे हैं।
बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने बीते 28 सितंबर को 1541 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास भेजा था। इधर बेरोजगार युवक लगातार आयु सीमा 22 के स्थान पर 28 करने की मांग करते आ रहे हैं। बेरोजगारों का कहना है कि पुलिस सिपाही भर्ती सात साल बाद हो रही है। इस वजह से युवाओं को आयु सीमा में छूट दी जाए। इस मांग को लेकर देवभूमि बेरोजगार मंच ने कोर्ट में भी मुकदमा दायर किया था।
मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने बताया कि कोर्ट ने फिलहाल उनकी याचिका रद्द कर दी है लेकिन अब विवादों की आशंका को देखते हुए आयोग ने पहले ही इस पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया में और विलंब होना पक्का है। वहीं आयोग के सचिव का कहना है कि बेरोजगार युवक आयु सीमा में छूट देने की मांग कर रहे हैं।
इस बारे में कोर्ट में वाद दायर करने की भी जानकारी मिली थी। यही वजह है कि भर्ती प्रक्रिया को विवादों से बचाने के लिए हमने गृह विभाग से आयु सीमा पर अंतिम राय मांगी है। वर्तमान समय में निर्धारित आयु सीमा 22 साल है, इसमें सभी भर्तियों पर लागू एक साल की अतिरिक्त छूट प्रदान की गई है। शासन का जवाब आने के बाद आवेदन प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।