देहरादून। उत्तराखंड में चार दिन से ही रही बारिश आज थम गई है और यहां मौसम साफ हुआ है। सुबह से ही प्रदेश से सभी जिलों में धूप खिली है। उधर यमुनोत्री धाम समेत यमुना घाटी में रातभर हुई मूसलाधार बारिश की वजह से यमुना नदी, गाड़ गदेरे उफान पर हैं। साथ ही यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह बंद है जिससे श्रद्धालुओं के वाहन जगह-जगह रुके हुए हैं।
इधर गंगोत्री हाईवे भी भूस्खलन की वजह से हेल्गू गाड़ के पास बंद है। हालांकि बीआरओ उक्त स्थान पर मार्ग सुचारू करने की कोशिश में जुटा हुआ है। वहीं, यमुनोत्री नेशनल हाईवे डाबरकोट, धरासू बैंड, कल्याणी, और सिल्क्यारा मरगांव के पास मलबा आने के कारण बंद है। बताया जा रहा है कि यमुनोत्री हाईवे पर देर रात अगलाड़ पुल से पहले मसूरी बैंड के पास मलबा आ गया था जिससे नेशनल हाईवे अपर यातायात बंद हो गया। रात से ही तमाम लोग हाईवे में फंसे हुए हैं। हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारलगी हुई है। देहरादून, यमुना घाटी, जौनपुर, नैनबाग, नौगांव, बड़कोट जाने वाले यात्री रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
उधर, बदरीनाथ हाईवे देवप्रयाग और तीनधारा के बीच पंत गांव और शिवमूर्ति में मलबा आने से बाधित हो गया है। रविवार रात को श्रीनगर और देवप्रयाग क्षेत्र में तेज बारिश हुई थी जिससे यहां भी सड़क पर मलबा आ गया। वहीं भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सोमवार की सुबह पांच बजे पहाड़ी से बोल्डर गिरने से रास्ता बंद हो गया। ऐसे में अल्मोड़ा, बागेश्वर, हल्द्वानी की तरफ आने जाने वाले वाहन सड़क पर ही गए। वहीं, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्वांला में मलबा आने से बंद हो गया था जिसे कई घंटे की मशक्कत के बाद खोल दिया गया।
इधर पहाड़ी इलाकों में लगातार चार दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। सुबह के समय गंगा का जलस्तर 292.25 मीटर पर दर्ज किया गया जबकि गंगा का खतरे का निशान 293 मीटर है। ऐसे में एहतियात बाढ़ चौकियां अलर्ट मोड़ पर है।