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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों—चाहे वे जीत गए हों, हार गए हों या निर्विरोध चुने गए हों—को चुनाव के 30 दिन के भीतर अपने पूरे खर्च का ब्यौरा जिला निर्वाचन अधिकारी को देना अनिवार्य है।

अगर कोई प्रत्याशी तय समय में खर्च का विवरण नहीं देता, या फिर अधूरा अथवा गलत हिसाब प्रस्तुत करता है, तो उसे आगामी तीन वर्षों तक चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उम्मीदवारों को नामांकन से लेकर परिणाम घोषित होने तक के चुनावी खर्च की पूरी जानकारी जमा करनी होगी। इसके साथ ही खर्च को प्रमाणित करने के लिए बिल और वाउचर भी लगाने जरूरी होंगे।

आपदा प्रबंधन पर भी चल रही तैयारी:
चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सभी जिलों के डीएम आपदा प्रबंधन योजना तैयार कर रहे हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

इस योजना में सड़कें खुली रखने, मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती जैसे बिंदु शामिल किए जा रहे हैं। 9 जुलाई को इस विषय पर सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की जाएगी। इसके बाद शासन से इस योजना को अंतिम रूप देने पर बात होगी।