वाराणसी।। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश,गंगा बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यहां गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि और संभावित बाढ़ को देख जिला प्रशासन सतर्क है। बाढ़ के दौरान होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोकने व बचाव को लेकर गुरूवार को 11 एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में एनडीआरएफ ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पुलिस और पीएसी, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, आपूर्ति विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग एवं अन्य हितधारकों के साथ नमोघाट, गंगा नदी में राज्य स्तरीय सयुंक्त मॉक अभ्यास किया।
मॉक अभ्यास के दौरान नमो घाट के दूसरी ओर से आ रही एक नाव का गंगा नदी के बीच में अनियंत्रित होने का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद ईओसी को घटना के बारे में सूचित किया गया। फिर एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष और सभी संबंधित हितधारकों को आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए सूचित किया गया। उप कमांडेट प्रेम कुमार पासवान की अगुवाई में एनडीआरएफ टीम को सभी अत्याधुनिक राहत-बचाव उपकरणों के साथ घटना स्थल पर रवाना किया गाया।
घटना स्थल पर पहुँच कर टीम ने स्थानीय प्रशासन से घटना की सम्पूर्ण जानकारी लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए अपने रेस्क्यू मोटर बोट एवं वाटर एम्बुलेन्स के माध्यम से गंगा नदी के नमो घाट पर बचाव अभियान शुरू कर दिया। बचाव दल ने लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट और डीप डाइवर्स की मदद से जीवन रक्षक कौशल का प्रदर्शन करते हुये अनियंत्रित हुये नाव के सभी पीड़ितों को एनडीआरएफ मोटर बोट पर सुरक्षित पहुंचाया ।
एनडीआरएफ टीम ने सभी पीड़ितों को अस्पताल पूर्व उपचार देने के बाद स्वास्थ्य विभाग के एम्बुलेंस से स्थानीय पुलिस द्वारा उपलब्ध कराये गये ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पूरा मॉक अभ्यास इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम के दिशा निर्देशों के अनुसार आयोजित किया गया। एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य में बाढ़ आपदा प्रमुख आपदाओं में से एक है।
आज के बाढ़ आपदा पर आधारित राज्य स्तरीय संयुक्त मॉक अभ्यास मे एनडीआरएफ टीमों ने वाराणसी सहित बलिया, गोरखपुर, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, अलीगढ़ एवं बहराइच में भाग लिया है। मॉक अभ्यास का उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच में समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना, संसाधनों की दक्षता का जांच करना एवं बाढ़ कि प्रतिकूल परिस्थितियों में राहत बचाव कार्यवाही को परखना है, जिससे कि बाढ़ आपदा के दौरान त्वरित कार्यवाही करते हुए मानव जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें प्रदेश के बाढ़ संभावित जिलों में तैनात है एवं जरूरत के अनुसार आगे अन्य क्षेत्रों मे भी तैनाती की जाएगी।