हिमाचल प्रदेश 2022 इलेक्शन में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस हार में बीजेपी के 8 मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा सके। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी हार स्वीकार कर ली है और कांग्रेस को बधाई दी है। जीत का दावा करने वाली BJP को हिमाचल की जनता ने क्यों नकारा, यह अब अहम सवाल है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हिप्र के लोगों ने BJP को दूसरा मौका क्यों नहीं दिया, इसके मुख्य कारण क्या हैं। आईये नजर डालते हैं-
कहा जा सकता है कि हिमाचल में अग्निवीर योजना की वजह से बीजेपी की हार हुई। जब इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया तो हिमाचल प्रदेश में इसका भारी विरोध हुआ। हिमाचल प्रदेश के युवाओं का मानना है कि सेना राज्य में रोजगार का सबसे अच्छा जरिया है। यहां के युवाओं को लग रहा है कि सरकार अग्निवीर योजना लागू कर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा। इसका फायदा अब उन्हें मिल रहा है।
बीजेपी की हार की एक वजह समय भी बताया जा सकता है। हिमाचल में आय का मुख्य स्रोत पर्यटन है, लेकिन कोरोना काल में यहां का पर्यटन पूरी तरह ठप हो गया। इस दौरान सरकार ने लोगों को कोई राहत नहीं दी है। इस बीच महंगाई और बेरोजगारी भी काफी बढ़ गई है। इससे लोगों में सरकार के खिलाफ नाराजगी थी।
इसके साथ ही इस चुनाव की पृष्ठभूमि में कांग्रेस द्वारा किए गए आकर्षक वादे भी BJP की हार का कारण बने। कांग्रेस द्वारा हिमाचल में बिजली को लेकर किए गए वादे लोगों को रास आ रहे हैं। यहां कांग्रेस ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया था।