फीफा वर्ल्डकप 2022 अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। क्वार्टर फाइनल मैच खेले जा चुके हैं और सेमीफाइनल के लिए भी चार टीमें तय हो चुकी हैं। क्वार्टर फाइनल में ब्राजील और पुर्तगाल जैसी दिग्गज टीमें मुश्किल में थीं।
पुर्तगाल मोरक्को के विरूद्ध 1-0 से हार गया। इस मैच में सभी की निगाहें दिग्गज फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर थीं मगर उन्हें शुरुआती लाइन-अप में नहीं रखा गया था। हालांकि दूसरे हाफ में वह मैदान पर जरूर आए मगर कुछ कमाल नहीं कर पाए।
आखिर में पुर्तगाल की हार हुई और रोनाल्डो झुके हुए कंधों के साथ आंखों में आंसू लिए ग्राउंड से चले गए, मगर पुर्तगाल और रोनाल्डो को रुलाने वाला एक खिलाड़ी चर्चा में है। वह मोरक्को के गोलकीपर हैं जो गोल पोस्ट के सामने अपनी टीम के लिए मजबूत पहाड़ की तरह खड़े रहे और कोई भी उन्हें भेद नहीं सका।
इस गोलकीपर का नाम Yassine Bouno है, जिनका मोरक्को को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में बड़ा योगदान है। पुर्तगाल के दिग्गज खिलाड़ी भी उन्हें छू नहीं पाए। यही वजह रही कि टीम ने पहले हाफ में जो बढ़त बनाई थी वह आखिर तक कायम रही और मैच जीतकर इतिहास रच दिया।
मोरक्को अफ्रीकी मुल्कों की पहली टीम है जिसने सेमीफाइनल में अपना परचम लहराया है। इससे पहले कैमरून 1990 में, सेनेगल 2002 में और घाना 2010 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था, मगर वह सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाया है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि यासीन बूनो भी भारत आकर फुटबॉल खेल चुका है। बूनो यहां साल 2018 में एक फ्रेंडली मैच के लिए आए थे। इस प्रतियोगिता में केरला ब्लास्टर्स, मेलबर्न सिटी एफसी और स्पेन के गिरोना ने भाग लिया था। ब्यूनो गिरोना टीम के सदस्य थे।
मेलबर्न सिटी के विरूद्ध गिरोना की टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया। इस मैच में भी बूनो का योगदान बहुत बड़ा रहा, जिसके चलते गिरोना ने यह मैच 6-0 से जीत लिया।