Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून के लेखक गांव, थानों में आयोजित स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025 के समापन समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने लेखक गांव स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर सभी राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए, सीएम धामी ने कहा कि लेखक गांव की परिकल्पना उन विचारों का प्रतीक है जो समाज को नई दिशा देते हैं और आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ते हुए भविष्य का निर्माण करना सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव एक नई सृजन यात्रा की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उत्तराखंड में “साहित्य गौरव सम्मान” और “साहित्य भूषण पुरस्कार” जैसे सम्मानों के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है। इसके साथ ही लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के तहत चयनित साहित्यकारों को 5 लाख रुपये तक की धनराशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकार युवा पीढ़ी को साहित्य की ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रही है। सीएम धामी ने कहा, “उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा संकल्प विकल्पहीन है, और साहित्य, कला और संस्कृति के साधक इस मिशन की सबसे बड़ी ताकत हैं।”
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड की रजत जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड आने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसा सांस्कृतिक रूप से समृद्ध प्रदेश अब लेखक गांव के माध्यम से न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को मंच दे रहा है, बल्कि राज्य को विश्व के साहित्यिक मानचित्र पर नई पहचान दिला रहा है। आने वाले समय में लेखक गांव भारत की प्राचीन परंपराओं और आधुनिक दृष्टिकोण के बीच एक सेतु का कार्य करेगा।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व रक्षा सचिव डॉ. योगेंद्र नारायण, ले.ज. अनिल कुमार भट्ट (से.नि.), पद्मश्री डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी, और विदुषी निशंक सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यकार और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।




