लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर माल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय पर डॉ. आम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्र व कई बौद्ध भिक्षु उपस्थित रहे।
बाबा साहेब के चित्र पर श्रद्धा-सुमन व पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मायावती ने देश के उन तमाम लोगों का तहेदिल से आभार प्रकट किया जो बाबा साहेब की अनुयायी पार्टी बसपा के माध्यम से उनके मिशनरी कारवां को आगे बढ़ाकर महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तन, मन, धन से लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मानवतावादी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उन सबकी मेहनत जरूर रंग लाएगी और वे लोग अपना उद्धार स्वयं करने योग्य जरूर बनेंगे।
मायावती ने कहा कि देश में रोजी-रोटी के अति-अभाव से त्रस्त एवं अभिशप्त हालात को स्वीकार करते हुए यहां के 81 करोड़ से अधिक गरीब व जरूरतमन्द परिवारों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के जीवन पर मोहताज बना देना। लोगों की ऐसी दुर्दशा न तो देश की आज़ादी का सपना था और न ही यह मानवतावादी संविधान के निर्माता डाॅ. भीमराव आम्बेडकर ने कभी ऐसा सोचा था। विभिन्न चुनाव परिणामों से लगता है कि यह दबे-कुचले व उपेक्षित लोग अगर अपने परिवार के ऐसे बदहाल जीवन से खुश नहीं हैं। लेकिन क्या वे लोग इतना साहस भी नहीं दिखा पा रहे हैं कि वे चुनाव में अपना विरोध दर्ज कराकर सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों पर चलने वाली देशहित की अच्छी सरकार चुनने का सार्थक प्रयास कर सकें।