लखनऊ।। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को रामपुर कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। पिछले दिनों योगी सरकार ने आजम खान की सुरक्षा वापस ले ली थी। अब शनिवार को हेट स्पीच के मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को 2 साल की सजा सुनाई है। ये मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। जब लोकसभा चुनाव के दौरान शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में आजम खान की एक जनसभा का वीडियो सामने आया था।
ये चुनाव समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने एकसाथ मिलकर लड़ा था। उस समय आजम खान रामपुर संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद एडीओ पंचायत अनिल चौहान ने थाना शहजाद नगर में आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बता दें कि पिछले दिनों आजम खान वाई श्रेणी की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर भी चर्चा में हैं।
आजम अब न तो विधायक हैं और न ही सांसद। ऐसे में राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति ने उनकी सिक्योरिटी शुक्रवार को वापस ले ली। इसे लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल गर्म है। सपा ने जानबूझकर आजम खान को टारगेट करने का आरोप योगी सरकार पर लगाया है। रामपुर के एएसपी डॉक्टर संसार सिंह ने कहा कि ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा के तहत आजम खान को 3 सशस्त्र पुलिसकर्मी दिए गए थे। उनके आवास पर भी गार्ड तैनात थे। आजम खान की सुरक्षा में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को वापस रामपुर पुलिस लाइन में बुला लिया गया है।
सपा नेता आजम खान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 10वीं बार रामपुर नगर की सीट से जीत हासिल की थी। विधायक चुने जाने पर आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। फिर रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में अक्टूबर, 2022 में दोषी करार देते हुए 3 साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता को रद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि आजम खान अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रहे। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठते रहे हैं। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया। आजम रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।