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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अगर आप लैंसडौन (कालौंडांडा) की वादियों में घूमने आए हैं और प्रकृति के करीब ट्रेकिंग का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो यहां के नौ प्रमुख ट्रेक रूट्स आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। चार किलोमीटर से लेकर 30 किलोमीटर तक फैले इन ट्रेक्स पर आप बांज, बुरांश, चीड़ और देवदार के पेड़ों के बीच से गुजरते हुए एक अलग ही दुनिया का अनुभव करेंगे।

इन रास्तों पर चलते हुए ऐसा महसूस होता है मानो आप धरती से कहीं ऊपर, प्रकृति की गोद में खो गए हों। लैंसडौन आने वाले सैलानी अब सिर्फ वादियां देखने नहीं, बल्कि इन ट्रेक्स पर चलने का आनंद लेने खासतौर पर आते हैं। सूरज की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त के सुनहरे नज़ारों तक, हर पल एक यादगार अहसास बन जाता है।

भैरवगढ़ी ट्रेक का ऐतिहासिक आकर्षण

हाल ही में ट्रेकिंग प्रेमियों की सूची में भैरवगढ़ी ट्रेक भी जुड़ गया है, जो इतिहास और आस्था दोनों से जुड़ा है। 1790 में इसी जगह पर राजा प्रद्युम्न शाह की सेना ने गोरखा आक्रमण को रोककर वीरता की मिसाल पेश की थी। आज यहां स्थित बाबा भैरवनाथ का मंदिर पर्यटकों को आध्यात्मिक शांति भी देता है।

ईको-फ्रेंडली ट्रैवल की नई पहचान

लैंसडौन में पर्यावरण प्रेमी पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। यहां आने वाले बहुत से यात्री न सिर्फ पैदल घूमना पसंद करते हैं, बल्कि रास्ते में फैले कचरे को उठाकर स्वच्छता में भी योगदान देते हैं। यह पहल एक सकारात्मक संदेश देती है—यात्रा का आनंद लें, लेकिन प्रकृति का सम्मान करते हुए।

होटलों की पहल से ट्रेकिंग को बढ़ावा

लैंसडौन के कई होटल पर्यटकों को ट्रेकिंग का हिस्सा बना रहे हैं। वे खास पैकेज बनाकर सुबह-सुबह ट्रेकिंग टूर आयोजित करते हैं, जिससे सैलानियों को स्थानीय गाइड की मदद से सुरक्षित और आनंददायक अनुभव मिलता है।

प्रमुख ट्रेकिंग रूट्स की सूची:

एसबीआई से डेरियाखाल (राठी प्वाइंट होते हुए): 5 किमी

चर्च रोड से जयहरीखाल (झारापानी हवाघर होते हुए): 7 किमी

टिप-इन-टाप से हवाघर: 4 किमी

केंद्रीय विद्यालय से सदर बाजार (भुल्ला ताल होते हुए): 8 किमी

कोर्ट रोड-डिग्गी लाइन-फतेहपुर: 16 किमी

जयहरीखाल-गुमखाल-भैरवगढ़ी: 18 किमी

चुंडई-मधुगंगेश्वर: 20 किमी

सिसल्डी-घांघलीखाल-ताड़केश्वर: 30 किमी

चखुलियाखाल से रज्जागढ़ी: 10 किमी

कैसे पहुंचे लैंसडौन

दिल्ली से कोटद्वार तक रोडवेज बसें नियमित रूप से चलती हैं। रेल सेवा का विकल्प भी मौजूद है। कोटद्वार से लैंसडौन की दूरी लगभग 42 किलोमीटर है, जिसे आप बस, टैक्सी या अपनी निजी गाड़ी से तय कर सकते हैं।

गढ़वाली स्वाद का तड़का

लैंसडौन के होटलों और होम स्टे में आपको मंडुए की रोटी, झंगोरे की खीर, भांग की चटनी, चैंसू और फाणू जैसे स्वादिष्ट गढ़वाली व्यंजन भी मिलते हैं, जो आपकी यात्रा को और भी खास बना देते हैं।