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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में एयर डिफेंस गन लगाने के दावों को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। सेना ने मंगलवार को जारी एक बयान में स्पष्ट किया कि श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में किसी भी प्रकार की एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई थी। सेना ने इसे लेकर चल रही मीडिया रिपोर्टों को भी गलत करार दिया।

विवाद की पृष्ठभूमि

यह विवाद तब सामने आया जब सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान ने दावा किया कि हेड ग्रंथी की अनुमति के बाद परिसर में एयर डिफेंस गन लगाई गई थीं। इस बयान के बाद श्री हरिमंदिर साहिब के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह और मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस दावे का जोरदार खंडन किया। ज्ञानी अमरजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि मंदिर परिसर में ऐसी किसी भी गन को लगाने की अनुमति नहीं दी गई थी।

ब्लैकआउट के दौरान दिया था सहयोग

अमरजीत सिंह ने आगे बताया कि हाल ही में अमृतसर में हुए ब्लैकआउट के संबंध में जिला प्रशासन की ओर से आए निर्देशों का पालन करते हुए मंदिर परिसर की बाहरी और ऊपरी लाइटें निर्धारित अवधि के लिए बंद रखी गई थीं। उनका कहना है कि प्रशासन की हर संभव मदद की गई थी, लेकिन एयर डिफेंस गन लगाने जैसे किसी कदम के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई।

एसजीपीसी ने भी उठाए सवाल

इस मामले में एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कहने पर केवल मंदिर की बाहरी लाइटें बंद की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि एयर डिफेंस गन लगाने के विषय में प्रशासन या सेना के साथ किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई।

हरजिंदर सिंह धामी ने सरकार से मांग की है कि सेना के अधिकारियों के ऐसे बयानों के पीछे के कारण स्पष्ट होने चाहिए। हालांकि उन्होंने सेना और देश के प्रति अपनी पूरी श्रद्धा जताते हुए तनावपूर्ण परिस्थितियों में उनकी भूमिका को सराहा।