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अमेठी लोकसभा सीट : कांग्रेस के इतने भी खराब दिन नहीं आये हैं, स्मृति को वापस भी देंगे ...

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है। इस बार यहां से कांग्रेस पार्टी ने गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा ( केएल शर्मा ) को उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि इस सीट पर अब स्मृति ईरानी और केएल शर्मा के बीच सीधा मुकाबला होगा। पिछले चुनाव में इस सीट से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन पांच सालों में समृति ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे अमेठी की जनता उन्हें दोबारा मौक़ा दे।

केएल शर्मा का अमेठी से बेहद पुराना नाता रहा है। वो सालों से गांधी परिवार के चुनाव प्रचार की कमान संभालते आ रहे हैं। अमेठी में वह पिछले कई दिनों से चुनाव मैनेजमेंट में जुटे हुए थे। अब, जब कांग्रेस ने उन्हें ही अमेठी से उम्मीदवार बना दिया है तो उनके सामने बड़ी जिम्मेदारी आ गयी है। अगर अमेठी में आम मतदाताओं से जुड़ाव की बात है तो वह बीजेपी की स्मृति ईरानी पर बीस साबित होते हैं। लगभग पूरे क्षेत्र में लोगों से उनका जड़ाव रहा है।

शुक्रवार को अमेठी में प्रियंका गांधी ने कहा कि वो उनके परिवार के सदस्य की तरह ही है। उनका गांधी परिवार के साथ बरसों का नाता रहा है और वो अमेठी की हर गली और गांव को जानते हैं। यहां के लोग उनसे जुड़े हुए हैं। प्रियंका ने उम्मीद जताई कि अमेठी के लोग चुनाव में उनका खुला समर्थन करेंगे। प्रियंका गांधी रायबरेली के साथ अमेठी में भी सघन प्रचार करेंगी।

मिश्रौली बाजार के एक बुजुर्ग दुकानदार कहते हैं कि अभी कांग्रेस इतना भी कमजोर नहीं हुई है। स्मृति ईरानी ने पांच साल में गांधी परिवार पर झोटे इल्जाम लगाने सिवा किया ही क्या है। यहां की जनता उन्हें वापस भेज देगी। माना जा रहा है कि राहुल गांधी में आज भी अमेठी की हार की टीस बची हुई है। ऐसे में केएल शर्मा के सामने अब गांधी परिवार के खोए हुए गढ़ को पुनः वापस पाने की चुनौती है। हालांकि केएल शर्मा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं।   
 

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