
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : क्या आप अपने बच्चों को जो कफ सिरप दे रहे हैं, वह जानलेवा हो सकता है? दरअसल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जेनेरिक कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद ड्रग कंट्रोलर ने तुरंत इस सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी और इसे आगे की जाँच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया। इन मौतों के अलावा, इसी सिरप को पीने से कई और बच्चे बीमार पड़ गए। एक बार फिर कफ सिरप की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में बंट रहा यह सिरप बच्चों की जान जोखिम में डाल रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के मामले सामने आए हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले में भी बच्चों की मौत की खबरें सामने आई थीं। इस दवा से हुई मौतों की खबरों के बाद, राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप आईपी 13.5 मिग्रा/5 मि.ली. नामक इस दवा के 20 से ज़्यादा बैचों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और नमूने जाँच के लिए भेजे गए हैं। आइए आपको बताते हैं कि यह सिरप कैसे जानलेवा हो सकता है और इससे सावधान रहने के लिए क्या करना चाहिए।
डेक्सट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप क्या है?
इस सिरप की खोज 1950 के दशक में हुई थी और इसे कोडीन जैसी नशीली दवाओं के सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रचारित किया गया था। यह एक कफ सप्रेसेंट है जिसे आमतौर पर डॉक्टर सूखी खांसी के लिए लिखते हैं। इसका मुख्य कार्य मस्तिष्क में खांसी को ट्रिगर करने वाले संकेतों को रोकना है, जिससे रोगियों को राहत मिलती है। यह एक रासायनिक प्रक्रिया द्वारा निर्मित होता है, जिसमें डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सक्रिय यौगिक के रूप में होता है। इसे अक्सर बच्चों को सिरप के रूप में दिया जाता है ताकि इसे पीना आसान हो जाए।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं ?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) और यूएस FDA ने कहा है कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को डेक्सट्रोमेथॉर्फन या इसी तरह के ओवर-द-काउंटर सिरप नहीं दिए जाने चाहिए। FDA की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे सिरप से सांस लेने में तकलीफ, नींद में खलल, चक्कर आना, दौरे पड़ सकते हैं और यहाँ तक कि मौत भी हो सकती है। कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इसे 2 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए और 2 से 6 साल के बच्चों को सीमित मात्रा में ही दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, 6 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को इसका इस्तेमाल डॉक्टर की देखरेख में ही करना चाहिए। डॉक्टरों की सलाह है कि अगर आपको पहले से ही लिवर, किडनी या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, तो इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।