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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : विधानसभा चुनाव में इस बार युवा मतदाताओं की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है। चुनावी उम्मीदवार भी इसे भली-भांति समझ रहे हैं। इसलिए युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

अगर पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें, तो कुल मतदाताओं में लगभग 55 प्रतिशत से अधिक युवा वोटर थे। यह संख्या किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार तय करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। युवा मतदाता ना सिर्फ संख्या में बल्कि मतदान में भी ज्यादा सक्रिय रहते हैं।

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 31.91 लाख थी, जिसमें 20-39 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 17.97 लाख से अधिक थी। इस बार भी 30 सितंबर को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद सही आंकड़े सामने आएंगे, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि युवा वोटरों की संख्या इसी स्तर पर बनी रहेगी।

मतदाताओं की यह हिस्सेदारी चुनाव के परिणाम पर बड़ा असर डाल सकती है। उम्मीदवार पहले से ही इन युवा वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्हें पता है कि जिस ओर भी युवा वोटरों का झुकाव होगा, वहीं जीत की संभावना मजबूत होगी।

मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया:
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद, नामांकन की तिथि से दस दिन पहले तक युवा मतदाता अपने नाम जोड़वा सकते हैं। इस दौरान 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए युवा मतदाताओं के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि कोई भी योग्य युवा वोटिंग से वंचित न रहे।

गायघाट: प्रशासन की चुनाव तैयारियाँ तेज

गायघाट विधानसभा क्षेत्र में प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने हाल ही में भ्रमण कर तैयारियों की समीक्षा की। मंगलवार को एसडीओ पूर्वी तुषार कुमार और एसडीपीओ अलय वत्स ने चुनाव तैयारियों का जायजा लिया।

प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में एसडीओ पूर्वी की अध्यक्षता में विधानसभा स्तरीय सेक्टर पदाधिकारी और सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों की बैठक हुई। उन्होंने सभी को निर्देश दिए कि आगामी विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

सभी सेक्टर पदाधिकारियों को लगातार भ्रमणशील रहने और अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। जो भी कमी मिले, उसे तुरंत दूर करना अनिवार्य है।

एसडीपीओ पूर्वी ने बताया कि नवरात्रि पर्व के दौरान जगह-जगह मेले लगे हैं। ऐसे अवसर पर मतदाताओं को डराने-धमकाने की संभावना रहती है। इसीलिए विशेष सतर्कता और निगरानी बनाए रखना जरूरी है। किसी भी असामाजिक तत्व की गतिविधि को तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारी को रिपोर्ट करना अनिवार्य है।

गायघाट, कटरा और बंदरा के सभी सेक्टर पदाधिकारी बैठक में उपस्थित थे।