
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत ने सभी को चौंका दिया। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से लेकर उनके फैंस तक सभी शोक में हैं। कम उम्र में एक्ट्रेस की मौत ने सभी को चौंका दिया। आशंका जताई जा रही थी कि यह मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है, लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आ रही हैं, उसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि एक्ट्रेस के साथ यह जानलेवा स्थिति लो ब्लड प्रेशर की वजह से हुई है। क्या शरीर में लो ब्लड प्रेशर इतना खतरनाक हो सकता है, आइए जानते हैं इस बारे में...
उच्च रक्तचाप कितना खतरनाक है?
ब्लड प्रेशर की समस्या का जिक्र होते ही दिमाग में हाई बीपी, हाइपरटेंशन आदि आते हैं। इसकी वजह से स्ट्रोक से लेकर हार्ट अटैक तक का खतरा रहता है। लेकिन ब्लड प्रेशर का बढ़ना ही नहीं, बल्कि इसमें कमी भी खतरनाक है। एक्ट्रेस के मामले में माना जा रहा है कि ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था। जिसकी वजह से हार्ट ने ब्लड पंप करना बंद कर दिया। इसकी वजह से एक्ट्रेस को कार्डियक अरेस्ट हुआ। यानी सिर्फ हाई बीपी ही नहीं, लो बीपी भी मौत की वजह बन सकता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि शरीर का बीपी कितना होना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रक्तचाप को सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या) और डायस्टोलिक (नीचे की संख्या) में मापा जाता है। अगर शरीर का रक्तचाप 90/60 से कम है, तो इसे कम माना जाता है। सामान्य बीपी 120/80 mmHg के आसपास होता है। अगर इसमें थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।
लक्षण कैसे प्रकट होते हैं?
अक्सर युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण इतने आम दिखाई देते हैं कि उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है। ऐसा करना खतरनाक साबित होता है। आइए जानते हैं कैसे दिखाई देते हैं इसके लक्षण...
अचानक चक्कर आना, चकर आना, उल्टी या मतली, धुंधली दृष्टि, तेजी से सांस लेना, बिना कुछ किए थका हुआ या कमज़ोर महसूस करना, घबराना, चिड़चिड़ापन या व्यवहार में परिवर्तन, हृदय गति में वृद्धि, त्वचा को सफ़ेदी प्रदान करने वाला, मूत्र उत्पादन में कमी
शोध में चौंकाने वाले आंकड़े भी सामने आए हैं।
हाई बीपी के कारण होने वाले स्ट्रोक को अक्सर मौत का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। लेकिन एक अध्ययन में पाया गया है कि लो ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और उससे होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। धूम्रपान करने वालों और दिल या कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों में यह स्थिति ज़्यादा ख़तरनाक हो सकती है। ऐसे में बीपी पर लगातार नज़र रखनी चाहिए।