
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के चमोली जिले में मानसून की बारिश ने एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार को बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह मलबा गिरने और भूस्खलन के कारण बाधित रहा। कर्णप्रयाग से जोशीमठ के बीच भनेरपानी और नंदप्रयाग जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मार्ग बंद हुआ जिसे बाद में खोल दिया गया। इसी तरह उम्मटा क्षेत्र के पास बद्रीश होटल के निकट भी मलबा गिरने से हाईवे अवरुद्ध हो गया था, जिसे राहत टीमों ने कुछ घंटों बाद सुचारू कर दिया।
गुरुवार रात से 50 गांवों में अंधेरा
गुरुवार रात आठ बजे के बाद सिमली क्षेत्र के लगभग 50 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बिजली विभाग द्वारा प्रयास जारी हैं लेकिन बारिश के कारण मरम्मत कार्य बाधित हो रहा है।
रात में तेज बारिश से हाईवे हुआ बंद
गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक लगातार बारिश हुई। इससे नंदप्रयाग-पर्थाडीप और भनेरपानी में भूस्खलन हो गया और बदरीनाथ हाईवे तड़के ही बंद हो गया था। हालांकि सुबह 8 बजे तक रास्ता आंशिक रूप से खोल दिया गया था। इस दौरान यात्रियों को वैकल्पिक सैकोट मार्ग से गुजरने की व्यवस्था की गई।
कुहड़ के पास गिरा पेड़, यातायात प्रभावित
बारिश के दौरान कुहड़ के पास हाईवे पर एक पेड़ गिर गया, जिससे यातायात और प्रभावित हुआ। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए दोपहर तक हाईवे को फिर से खोल दिया।
तीर्थयात्रा जारी, लेकिन 17 ग्रामीण मार्ग अब भी बंद
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा जारी है और श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। जिले में शुक्रवार सुबह तक कुल 28 ग्रामीण लिंक मार्ग बंद थे, जिनमें से 11 मार्गों को खोल दिया गया है। फिलहाल 17 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं।
बारिश से मकान को नुकसान, परिवार ने ली शरण
विकासखंड पोखरी के बमोथ गांव में एक आवासीय मकान की रैलिंग और कॉलम तेज बारिश के कारण टूट कर गिर गए। मकान मालिक सतीश टम्टा ने बताया कि रातभर उनका परिवार भय के माहौल में सुरक्षित स्थान पर रुका। उन्होंने प्रशासन से नुकसान का सर्वे कर उचित सहायता की मांग की है।