
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक के दौरान राज्यों के अधिकारों और संघीय ढांचे की रक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब अपने जल संसाधनों और प्रशासनिक अधिकारों को लेकर किसी भी प्रकार की केंद्रीकरण नीति को स्वीकार नहीं करेगा।
CISF की तैनाती पर आपत्ति: "संघवाद पर हमला"
मुख्यमंत्री मान ने भाखड़ा और नंगल डैम की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की तैनाती का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। मुख्यमंत्री का कहना था कि अब तक डैम की सुरक्षा राज्य पुलिस संभालती रही है और कोई समस्या नहीं हुई।
जल विवाद और BBMB पर सवाल
मान ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा पंजाब के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब की सहमति के बिना उसके हिस्से का पानी छोड़ा जा रहा है, जो कि संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। यहां तक कि पंजाब के अधिकारियों पर दबाव डालकर कार्य करवाया जा रहा है और न करने पर उन्हें पद से हटाया जा रहा है।
पानी की कमी और ऐतिहासिक समझौतों का हवाला
मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब में रावी, ब्यास और सतलुज जैसी नदियों में पहले से ही पानी की भारी कमी है। इसके बावजूद केंद्र द्वारा यमुना जल विवाद को लेकर पंजाब की बात नहीं सुनी जा रही। उन्होंने 1954 के यमुना-सतलुज-लिंक (YSL) समझौते का हवाला देते हुए कहा कि यमुना पर पंजाब का भी अधिकार बनता है।
पुनर्गठन के बाद यमुना पर हक का सवाल
उन्होंने कहा कि राज्य पुनर्गठन से पहले यमुना नदी पंजाब से होकर बहती थी और उसका पानी भी पंजाब के क्षेत्र को मिलता था। लेकिन अब यमुना जल पर पंजाब के अधिकार को नकारा जा रहा है, जो कि पूरी तरह अनुचित है।
देहाती विकास फंड और वित्तीय भेदभाव पर चिंता
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले ढाई सालों से देहाती विकास फंड जारी नहीं किया गया है, जिससे गांवों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। केंद्र सरकार पर 9000 करोड़ रुपये की देरी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसके चलते राज्य को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।
चंडीगढ़ में पंजाब का घटता प्रतिनिधित्व
चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब के अधिकारियों को 60:40 के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने की परंपरा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह संतुलन AGMUT और DANICS कैडर की नियुक्तियों के चलते बिगड़ गया है। उन्होंने इसे सहकारी संघवाद के विरुद्ध बताया।
‘रंगला पंजाब’ मॉडल और विकास की बात
मुख्यमंत्री ने बैठक में 'रंगला पंजाब' विज़न 2047 प्रस्तुत किया जिसमें 8% वार्षिक GDP ग्रोथ का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हेल्पलाइन 1047 शुरू की गई है, और आम आदमी क्लीनिक, आयुष्मान केंद्रों के माध्यम से 3.34 करोड़ मरीजों को सुविधा दी गई है।
सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार
उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा फोर्स की स्थापना से हादसों में कमी आई है और अब तक 30,000 लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है।