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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब सरकार ने श्रमिक वर्ग को राहत देने के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को आसान और ज्यादा सुलभ बना दिया है। अब इन योजनाओं का लाभ पाने में पहले जैसी कागजी दिक्कतें नहीं आएंगी।

श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि पंजाब बिल्डिंग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की ‘शगुन योजना’ में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले इसके लिए तहसीलदार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र ज़रूरी था, लेकिन अब इसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सिर्फ धार्मिक स्थल पर हुए विवाह की तस्वीर और दोनों परिवारों का स्व-घोषणा पत्र ही काफी होगा। इस योजना के तहत सरकार 51,000 रुपये की वित्तीय सहायता देती है।

इसी तरह, प्रसव लाभ योजना में भी बड़ी राहत दी गई है। पहले इसके लिए बच्चे का आधार कार्ड ज़रूरी था, लेकिन अब केवल जन्म प्रमाण पत्र देने पर महिला निर्माण श्रमिक को 21,000 रुपये और पुरुष श्रमिक को 5,000 रुपये की सहायता मिलेगी।

सौंद ने कहा कि शगुन योजना में पंजीकृत विवाह प्रमाण पत्र की बाध्यता भी खत्म हो गई है। धार्मिक स्थल और विवाह कराने वाली धार्मिक हस्तियों की तस्वीरें देकर भी लाभ लिया जा सकता है।

इसके अलावा, वजीफा योजना में मजदूरों के लिए दो साल की सेवा अवधि की शर्त हटा दी गई है। अब योगदान शुरू करने के दिन से ही मजदूर इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।

उन्होंने बताया कि 90 दिन से ज्यादा काम कर चुके मनरेगा मजदूरों को बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वे सभी लाभ उठा सकें।

फरवरी 2025 में हुई बोर्ड की 55वीं बैठक में योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 1 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया गया था।