img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर (CSJMU Kanpur), राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP 2020) के अनुरूप अपने शैक्षणिक ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। विश्वविद्यालय ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया है, जिसमें हिंदी साहित्य के तीन प्रतिष्ठित नामों – गिरिराज किशोर, गणेश शंकर विद्यार्थी और सुमन राजे की महत्वपूर्ण रचनाओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। यह पहल न केवल विद्यार्थियों के ज्ञान को समृद्ध करेगी, बल्कि उन्हें आधुनिक हिंदी साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि, गांधीवादी दर्शन, अंबेडकर विचार दर्शन, लोहिया दर्शन के साथ-साथ पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार दर्शन से भी जोड़ेगी।

CSJMU Kanpur में साहित्य का नया सवेरा: इन लेखकों को मिलेगा स्थान!

विश्वविद्यालय की हिंदी पाठ्यक्रम समिति और शोध विकास समिति की संयोजक व एएनडी कॉलेज की प्राचार्य डा. ऋतम्भरा ने बताया कि नए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में दिवंगत साहित्यकार गिरिराज किशोर और सुमन राजे को विशेष रूप से जोड़ा गया है। गिरिराज किशोर के बाँ उपन्यास (जो कस्तूरबा गांधी पर आधारित है) और डा. सुमन राजे की रचना 'वसुधंरा: एक काव्यनाटिका' को स्नातक स्तर पर पढ़ाया जाएगा। वहीं, लोकप्रिय हिंदी साहित्यकार और पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की मर्मस्पर्शी कृति 'जेल जीवन की झलक' को परास्नातक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय की पाठयक्रम समिति और विद्या परिषद के सदस्य प्रो. राकेश शुक्ल ने यह भी स्पष्ट किया कि 2019 में भी इन साहित्यकारों की रचनाएं पाठ्यक्रम में थीं, लेकिन NEP लागू होने के बाद पाठ्यक्रम को नए सिद्धांतों के अनुरूप ढाला गया है।

रोजगार-उन्मुखी शिक्षा पर ज़ोर: नए पेपर जोड़कर बदली तस्वीर!

CSJMU Kanpur ने NEP 2020 के मुख्य उद्देश्य, यानी रोजगारोन्मुखी शिक्षा, को प्राथमिकता दी है। पाठ्यक्रम समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य डा. राजेश तिवारी के अनुसार, नए पाठ्यक्रम में कुछ अत्याधुनिक प्रश्नपत्र भी जोड़े गए हैं। इनमें 'शोधात्मक लेखन', 'समान भाषा विज्ञान' (General Linguistics) और 'हिंदी रंगमंच' शामिल हैं। डीएवी कॉलेज के डा. यतीन्द्र सिंह का मानना है कि इन विषयों के जुड़ने से विद्यार्थियों को राष्ट्रीय काव्य, लोक साहित्य, लोक संस्कृति और अस्मिता मूलक विमर्श को समग्रता में समझने का अवसर मिलेगा।

डा. इंदू यादव, जो पाठ्यक्रम समिति की सदस्य हैं, ने जोर देकर कहा कि नया पाठ्यक्रम छात्रों को भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेगा। 'कार्यालयी हिंदी और कंप्यूटर', 'समाचार : लेखन और प्रसारण' तथा 'भाषा प्रौद्योगिकी' जैसे विषयों को शामिल करने का मकसद विद्यार्थियों को वर्तमान की मांग के अनुसार कौशल प्रदान करना है, ताकि वे रोजगार के अवसरों का बेहतर लाभ उठा सकें।

विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद और राज्यपाल की अनुशंसा से अंतिम रूप दिए जाने के बाद, यह नवीन पाठ्यक्रम अब लागू कर दिया गया है। यह बदलाव CSJMU Kanpur को हिंदी साहित्य और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नए प्रतिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर करेगा।

CSJMU Kanpur छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 NEP 2020 गिरिराज किशोर गणेश शंकर विद्यार्थी सुमन राजे हिंदी साहित्य स्नातक पाठ्यक्रम परास्नातक पाठ्यक्रम चार वर्षीय स्नातक रचनाएं कृतियां उपन्यास 'बा' काव्यनाटिका 'वसुधंरा' 'जेल जीवन की झलक' आधुनिक हिंदी साहित्य गांधीवादी दर्शन अंबेडकर विचार दर्शन लोहिया दर्शन दीनदयाल उपाध्याय रोजगारोन्मुखी शोधात्मक लेखन समान भाषा विज्ञान हिंदी रंगमंच कार्यालयी हिंदी कंप्यूटर समाचार लेखन प्रसारण भाषा प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय काव्य लोक साहित्य लोक संस्कृति अस्मिता मूलक विमर्श Kanpur University Hindi Literature UG Course PG Course new syllabus literary figures Educational Reform job oriented courses Gandhian philosophy Ambedkar philosophy Lohia philosophy