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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की परेशानी बढ़ती जा रही है। शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने विजिलेंस ब्यूरो के समक्ष अपना बयान दर्ज करवाया। उन्होंने कहा कि भले ही एफआईआर में मजीठिया का नाम पहले नहीं था, लेकिन जब आरोपितों से पूछताछ की गई, तब मजीठिया का नाम सामने आया।

निरंजन सिंह के अनुसार, उन्होंने जब वित्तीय लेन-देन की पड़ताल की, तो कई अहम जानकारियां उजागर हुईं। उन्होंने बताया कि मजीठिया के पीए को अब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। इसके साथ ही इस मामले में बर्खास्त डीएसपी व अर्जुन अवार्डी जगदीश सिंह भोला और ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े बिट्टू औलख से भी पूछताछ की तैयारी है।

सूत्रों के मुताबिक, ड्रग तस्करी में शामिल जगजीत सिंह चहल और बिट्टू औलख के कनाडा तक नेटवर्क थे। परमिंदर सिंह पिंडी नाम का एक ग्राहक, जो सतप्रीत सिंह सत्ता का करीबी है, इनका संपर्क था। सत्ता और मजीठिया न केवल दोस्त हैं, बल्कि एक-दूसरे को सुरक्षा और मेहमाननवाजी भी देते थे। चहल और औलख द्वारा भेजी गई ड्रग्स की गुणवत्ता को लेकर सत्ता और पिंडी के बीच विवाद हुआ था, जिसे मजीठिया ने सुलझाया था।

इसके बदले में, चहल ने मजीठिया के पीए के सामने करोड़ों रुपये का भुगतान किया था। निरंजन सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में जांच ड्रग मामले की नहीं, बल्कि आय से अधिक संपत्ति की है, लेकिन दोनों मामलों की जड़ें एक जैसी हैं, इसीलिए उन्हें बुलाया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि इस केस में कुल 68 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें से 17 को सजा मिल चुकी है। पूछताछ के दौरान भोला और अन्य आरोपितों ने मजीठिया को लेकर कई जानकारियां साझा की थीं। निरंजन सिंह ने कहा कि अगर दोबारा बुलाया गया, तो वह फिर हाजिर होंगे।