
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : ब्रह्मपुर प्रखंड के 11 गांवों में इन दिनों कृषि विभाग और राजस्व विभाग द्वारा किसानों का संयुक्त सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य किसानों को एक विशेष आईडी नंबर प्रदान करना है, जिसके माध्यम से पीएम किसान सम्मान निधि समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। हालांकि, इस सर्वेक्षण में एक बड़ी बाधा सामने आ रही है।
दरअसल, सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई किसानों की सूची करीब 50 साल पुरानी यानी 1970-71 की है, जिससे वर्तमान भूमि की जमाबंदी और किसानों के नाम मेल नहीं खा रहे। प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवानंद रजक के अनुसार, इस वजह से लगभग 60 से 70 प्रतिशत किसानों के नाम सर्वेक्षण के दौरान नहीं मिल पा रहे हैं। इससे किसानों का आईडी नंबर बनने में मुश्किलें आ रही हैं।
प्रारंभिक चरण में ब्रह्मपुर प्रखंड के योगिया, देवकुली, उमेद पुर, महुआर, उधुरा, रघुनाथपुर, पोखरहां, एकरासी, कांट, कैथी और बगेन गांवों में सर्वेक्षण किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश स्थानों पर जमीन के पुराने दस्तावेजों में उन किसानों के नाम दर्ज हैं, जो अब जीवित नहीं हैं या फिर जिन्होंने जमीन बेच दी है। ऐसी स्थिति में जमीन के मौजूदा मालिकों को अपने नाम पर योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों की चिंता है कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो उन्हें सरकारी लाभ से वंचित होना पड़ सकता है। कृषि विभाग ने आश्वासन दिया है कि इस समस्या का जल्द ही समाधान किया जाएगा, ताकि सभी किसान सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।