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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में एनडीए की राजनीति इन दिनों उलझी हुई दिख रही है और इसकी वजह बने हैं लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान। राज्य की एनडीए सरकार जहां खुद को कानून-व्यवस्था के मामले में सफल बताती है, वहीं चिराग ने हाल की एक घटना को लेकर सीधे सरकार पर सवाल उठा दिए हैं।

दरअसल, नालंदा में हाल ही में 16 वर्षीय हिमांशु पासवान और 20 वर्षीय अनु कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस पर चिराग ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह घटना मानवता को झकझोर देने वाली है।"

उन्होंने आगे लिखा कि यह घटना मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुई है, जो दर्शाता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से बात कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।

राजनीतिक गतिविधियों से भी उठ रहे सवाल

चिराग पासवान की सिर्फ टिप्पणियां ही नहीं, बल्कि उनकी स्वतंत्र राजनीतिक गतिविधियां भी एनडीए के भीतर बेचैनी बढ़ा रही हैं। उन्होंने अपनी पार्टी की रैलियों में साफ कहा है कि लोजपा (रा) विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

इस पर भाजपा के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सफाई दी कि चिराग का मतलब था कि उनकी पार्टी सभी सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे और उम्मीदवारों की घोषणा साझा सहमति से होगी।

सरकार पर निशाना, नीतीश सरकार की सफाई

जदयू के वरिष्ठ प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि "सरकार किसी अपराध की कार्रवाई के लिए किसी नेता के पोस्ट का इंतजार नहीं करती। नीतीश सरकार की सबसे बड़ी ताकत ही बेहतर कानून-व्यवस्था है। कार्रवाई जाति या पहचान देखकर नहीं होती।"

चिराग क्यों हो रहे एनडीए से दूर

एनडीए में चिराग को लेकर संदेह इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि वे नीतीश सरकार पर लगातार सवाल उठाते आ रहे हैं। वे रोजगार, शिक्षा, प्रवासन और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जनता को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि इन सभी क्षेत्रों में ठोस काम हुआ है। सरकार के अनुसार, अब तक 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है। वहीं प्रवासी श्रमिकों की संख्या में भी कमी आई है।

सीट बंटवारे पर सस्पेंस

महागठबंधन में सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट हो चुकी है, लेकिन एनडीए में अब तक सीटों का कोई औपचारिक बंटवारा नहीं हुआ है। चिराग को उम्मीद है कि उन्हें 25-30 सीटें मिलेंगी, लेकिन अब तक भाजपा और जदयू की ओर से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।