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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हाल के दिनों में पटना जिले में कंपोजिट गैस सिलेंडर की मांग तेजी से बढ़ी है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) की एजेंसियों के पास अब इस नए तरह के सिलेंडर की आपूर्ति पूरी हो चुकी है। पारंपरिक सिलेंडरों के मुकाबले कंपोजिट सिलेंडरों के अनेक फायदे देखकर ग्राहक इन्हें तेजी से अपना रहे हैं।

पारदर्शी और आकर्षक डिजाइन ने जीता दिल

कंपोजिट सिलेंडर की सबसे खास बात इसकी पारदर्शिता है, जिससे ग्राहक आसानी से सिलेंडर में गैस की मात्रा देख सकते हैं। पारदर्शी होने के साथ-साथ यह रंगीन और आकर्षक भी है, जो घरों में सुंदर दिखाई पड़ता है। यही वजह है कि ग्राहक अब अपने पुराने सिलेंडर बदलकर कंपोजिट सिलेंडर लेने की मांग कर रहे हैं।

पूरी सुरक्षा का भरोसा

IOCL अधिकारियों के अनुसार, कंपोजिट सिलेंडर पूरी तरह सुरक्षित है। इसे आग लगने पर भी सिलेंडर फटता नहीं, बल्कि अंदर की गैस धीरे-धीरे जलकर समाप्त हो जाती है। सिलेंडर तीन परतों से बना होता है, जिससे इसकी मजबूती और सुरक्षा दोनों बढ़ जाती हैं।

वजन में हल्का और हैंडलिंग में आसान

पारंपरिक गैस सिलेंडर की तुलना में कंपोजिट सिलेंडर काफी हल्का होता है। सामान्य खाली सिलेंडर करीब 15 किलो वजन का होता है, जबकि कंपोजिट सिलेंडर खाली अवस्था में मात्र साढ़े पांच किलो वजन का होता है। भरे हुए कंपोजिट सिलेंडर का वजन लगभग साढ़े 15 किलो होता है, जबकि पारंपरिक भरे सिलेंडर का वजन लगभग 30 किलो तक पहुँच जाता है। इस वजह से गृहिणियाँ कंपोजिट सिलेंडर को आसानी से हैंडल कर पाती हैं।

समान दाम, बेहतर सुविधा

हालांकि कीमत की दृष्टि से दोनों प्रकार के सिलेंडर समान मूल्य पर उपलब्ध हैं, लेकिन सुविधाओं की दृष्टि से कंपोजिट सिलेंडर काफी आगे है। इसका हल्का वजन, पारदर्शिता और आकर्षक लुक ग्राहकों को काफी पसंद आ रहा है।

कंपोजिट सिलेंडर का बढ़ता दायरा

IOCL के अनुसार, बिहार में अब तक करीब 58 हजार ग्राहक कंपोजिट सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें अकेले पटना जिले में ही करीब 15 हजार ग्राहक हैं। भविष्य में इसके और तेजी से फैलने की संभावना जताई जा रही है।