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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : स्वादिष्ट चिकन करी, तंदूरी कबाब या मटन बिरयानी जैसे ही प्लेट में आती है, मांसाहारी प्रेमियों की भूख बढ़ जाती है। भारत में बड़ी संख्या में लोग स्वाद, ताकत और प्रोटीन के लिए मांसाहारी भोजन पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना मांस खाने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है?

 डॉ. नवनीत कालरा बताते हैं कि मांसाहारी भोजन का अत्यधिक सेवन कई बीमारियों का कारण बन सकता है। खासकर तब जब कोई व्यक्ति इसे हफ़्ते में हर दिन खाता है और फाइबर, हरी सब्ज़ियों और संतुलित आहार की उपेक्षा करता है। आइए जानें कि रोज़ाना मांस खाने से किन समस्याओं का ख़तरा बढ़ सकता है।

पाचन तंत्र पर प्रभाव

मांस को पचाने में शरीर को ज़्यादा समय और मेहनत लगती है। जब कोई व्यक्ति रोज़ाना मांसाहारी भोजन खाता है, तो पाचन तंत्र पर लगातार दबाव पड़ता है, जिससे गैस, कब्ज़ और अपच जैसी समस्याएँ होने लगती हैं।

कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग

लाल मांस में संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। इससे हृदय रोग, दिल का दौरा और उच्च रक्तचाप का खतरा भी बढ़ सकता है।

गुर्दों पर बोझ

मांस प्रोटीन का एक प्रमुख स्रोत है, लेकिन ज़्यादा खाने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। इससे किडनी पर असर पड़ता है और समय के साथ किडनी में पथरी या किडनी फेल भी हो सकती है।

गैस्ट्रिक समस्याएं और एसिडिटी

रोज़ाना मांसाहारी भोजन खाने से पेट में एसिडिटी बढ़ जाती है। इससे सीने में जलन, खट्टी डकारें और पेट फूलने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, जो आगे चलकर पेट के अल्सर का कारण भी बन सकती हैं।

कैंसर का खतरा

कुछ शोध बताते हैं कि लाल मांस और प्रसंस्कृत मांस के अत्यधिक सेवन से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर जब मांस तला हुआ या अधिक पकाया गया हो।

भार बढ़ना

प्रतिदिन मांस खाने से कैलोरी और वसा की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर में वसा जमा हो जाती है, जिससे मोटापा, थकान और चयापचय संबंधी समस्याएं होती हैं।

मांसाहारी भोजन अगर सीमित मात्रा में खाया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन रोज़ाना मांस खाने से शरीर में धीरे-धीरे कई बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं। इसलिए स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें, क्योंकि अगर शरीर ही स्वस्थ नहीं होगा, तो स्वाद का क्या मतलब?