Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल बाजार में मिलने वाली हर चीज में मिलावट होती है। लंबे समय तक मिलावटी भोजन खाने से शरीर में ऐसी कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। बार-बार ऐसा भोजन करना निश्चित रूप से हानिकारक है। अध्ययनों के अनुसार, हमारी रसोई में कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जिन्हें लोग रोजाना खाते हैं और जो बाद में कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन जाती हैं। इनमें से एक है आटा। घर पर रोजाना बनाई जाने वाली रोटी भी कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाने का काम करती है।
क्या ब्रेड खाने से कैंसर हो सकता है?
आटे की बात करें तो, चाहे वह ज्वार हो, बाजरा हो या गेहूं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन रोटी बनाने का तरीका बहुत मायने रखता है। इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि किसी भी आटे से बनी रोटी खाने से कैंसर होता है, लेकिन इसे बनाने का गलत तरीका इस धारणा को पुख्ता करता है। उदाहरण के लिए, अगर हम रोटी को सीधे गैस पर पकाते हैं, तो इससे कैंसर हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस आंच पर पकाए गए भोजन में कैंसर कोशिकाएं पनपने लगती हैं। अगर हम लंबे समय तक इसका सेवन करते रहें, तो हमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कई जगहों पर परिष्कृत आटे का सेवन वर्जित है। आइए इसके पीछे का कारण समझते हैं।
परिष्कृत गेहूं के आटे
और सफेद आटे पर किए गए कई अध्ययनों से पता चलता है कि इनका लंबे समय तक सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। परिष्कृत आटा बनाने की प्रक्रिया ऐसी होती है कि इसमें से सभी खनिज पदार्थ निकल जाते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर भी बढ़ सकता है। इसके अलावा, लंबे समय तक सेवन से कोलन, स्तन, पेट और गर्भाशय के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
बासी और फफूंदी लगी रोटी:
यदि लोग लंबे समय तक बासी रोटी या अन्य बासी भोजन का अधिक सेवन करते हैं, तो उसमें मौजूद विषाक्त तत्व निश्चित रूप से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा देते हैं।
जली हुई रोटी:
यदि रोटी बहुत ज्यादा जल जाए और काली पड़ जाए, तो उसमें एक्रिलामाइड बनता है, जिसे लंबे समय तक खाने से कैंसर कोशिकाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं?
अगर आप सबसे सुरक्षित और फायदेमंद आटा चाहते हैं, तो साबुत गेहूं का आटा या भूसी सहित गेहूं का आटा खाएं। इसमें हमारे शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक सभी खनिज मौजूद होते हैं। आप ज्वार, बाजरा और रागी के आटे से बनी रोटी भी खा सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी होती है। बहुत ज्यादा जले हुए, बासी और नॉन-स्टिक पैन का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि सिलिकॉन और नॉन-स्टिक में मौजूद रसायन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ावा देते हैं। इसलिए ऐसे बर्तनों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।




