
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड (Uttarakhand News) के उत्तरकाशी में मंगलवार यानी 8 जुलाई को भूकंप के झटके महसूस किए गए. आपदा नियंत्रण कक्ष ने इसकी पुष्टि की. नियंत्रण कक्ष के अनुसार भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई. भूकंप के दौरान कुछ देर तक झटके महसूस किए गए.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी जानकारी दी कि उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके लगते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
प्रेस समय तक भूकंप के कारण किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
अल्मोड़ा और मेरठ में भी भूकंप महसूस किया गया
EQ of M: 3.2, On: 08/07/2025 13:07:05 IST, Lat: 31.22 N, Long: 78.22 E, Depth: 5 Km, Location: Uttarkashi, Uttarakhand.
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इससे पहले राज्य के अल्मोड़ा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई थी और यह भी जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था।
गौरतलब है कि 1 जून को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में रविवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भारतीय समय के अनुसार भूकंप सुबह 8:44 बजे आया और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार भूकंप का केंद्र मेरठ जिले के आसपास के क्षेत्र में था। भूकंप का केंद्र 28.87 उत्तरी अक्षांश और 77.96 पूर्वी देशांतर पर था, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। हालांकि, भूकंप की तीव्रता हल्की होने के बावजूद लोगों ने इसे महसूस किया।
पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहा है। बदरीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग कर्णप्रयाग के पास उमटा सहित पीपलकोटी में बंद हो गया है। रेलवे स्टेशन के पास नाले में पानी का बहाव बढ़ने से कर्णप्रयाग से आने वाला अस्थायी मार्ग पानी के बहाव में बह गया है।
गोचरा रानो मोटर मार्ग गंगानगर रानो के पास पहाड़ी मलबा आने से बंद हो गया है। बारिश के कारण सड़क पर बड़ी संख्या में छोटे-बड़े पत्थर और मलबा आ रहा है, जिससे मार्ग बंद हो गया है। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। जिससे यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह सड़क सप्ताह में दो बार बंद रहती थी।
तीन जुलाई को पहाड़ी से भारी मलबा और पत्थर गिरने से इस स्थान पर सड़क बंद हो गई थी। जिससे तीर्थयात्री यहीं फंस गए थे। प्रशासन की संयुक्त टीम ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। लगातार हो रही बारिश के कारण एक सप्ताह में दूसरी बार यह सड़क बंद हुई है। जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।