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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत में कोविड-19 की नई लहर ने एक बार फिर सबके दिल और दिमाग में खतरे की घंटी बजा दी है। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग जानना चाहते हैं कि इस वायरस से कौन सुरक्षित है और कौन नहीं। जब बात बचाव की आती है तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना से बचाव में टीके काफी मददगार रहे हैं, लेकिन अब बूस्टर डोज की जरूरत भी बढ़ गई है। कोरोना के नए स्ट्रेन के सामने आने और मामलों में बढ़ोतरी के कारण कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या बूस्टर डोज नहीं लेने वाले लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं? विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए आपका इम्यून सिस्टम कितना मजबूत होना चाहिए? आपको कैसे सुरक्षित रहना चाहिए? और बूस्टर खुराक कब आवश्यक है? लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कोविड-19 उन लोगों में भी हो सकता है जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं ली है?

क्या बिना बूस्टर डोज वाले लोगों को कोरोना हो जाएगा?

जी हां, भारत में आई नई लहर में जिन लोगों ने कोविड-19 की बूस्टर डोज नहीं ली है, वे कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टीका बहुत महत्वपूर्ण है और सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन पूर्ण सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। एनबी.1.8.1 और जेएन.1 जैसे नए वेरिएंट का उभरना लोगों को चिंतित कर रहा है, क्योंकि ये वायरस अधिक आसानी से फैलते हैं और पुराने टीकों या पिछले संक्रमणों से बनी प्रतिरक्षा को भी हरा सकते हैं।

बूस्टर खुराक किसे लेनी चाहिए?

भारत में लगभग 73% लोगों ने कम से कम एक बार बूस्टर शॉट लिया है। लेकिन केवल 18% ने ही नया अपडेटेड बूस्टर लिया है, जो विशेष रूप से ओमिक्रॉन संस्करण के लिए डिज़ाइन किया गया है। विशेषज्ञों की सलाह है कि बुजुर्गों और किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को वायरस से बेहतर सुरक्षा के लिए यह अपडेटेड बूस्टर जरूर लेना चाहिए।

एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस समय सबसे जरूरी बात यह है कि जिन लोगों को अभी तक पहला या दूसरा टीका नहीं लगा है, उन्हें जल्द से जल्द टीका लगवा लेना चाहिए। उनका कहना है कि फिलहाल आम जनता को बूस्टर (तीसरी) खुराक देने के लिए जरूरी जानकारी नहीं मिली है। लेकिन बूस्टर खुराक अधिक जोखिम वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जैसे कि बुजुर्ग और वे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। टीकाकरण पर सरकार को सलाह देने वाले समूह के प्रमुख डाॅ. एन.के. अरोड़ा का कहना है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को अगर अभी तक बूस्टर डोज नहीं ली है तो उन्हें जरूर लेनी चाहिए।