
Prabhat Vaibhav, Digital Desk: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्विट्जरलैंड की कुछ फार्मा कंपनियों द्वारा भारतीय दवा उद्योग पर पेटेंट की नकल करने के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत के खिलाफ इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि हकीकत ये है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए नियमों को और आसान बना रहा है।
भारत में दवा निर्माण के लिए विदेशियों की रुचि बढ़ी
बर्न में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने बताया कि स्विस दवा कंपनियों के साथ लगातार संवाद जारी है और वे भारत में निर्माण की संभावना को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि अगर कोई भारतीय कंपनी पेटेंट का उल्लंघन करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
EFTA समझौते से बढ़ेगा फार्मा व्यापार
इस साल सितंबर या अक्टूबर से यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के देशों के साथ FTA लागू होने के बाद स्विट्जरलैंड से दवा निर्माण के कच्चे माल का आयात बढ़ेगा। अभी चीन के बाद स्विट्जरलैंड दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर है। आयात शुल्क में छूट मिलने से भारत अब चीन के मुकाबले स्विट्जरलैंड को प्राथमिकता दे सकता है।
भारत बना फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत भारत में फार्मा कच्चे माल का निर्माण तेज़ी से बढ़ रहा है। भारत का फार्मा एक्सपोर्ट भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे विदेशी कंपनियां भारत में उत्पादन केंद्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
बराबरी के सिद्धांत पर चलेगा भारत
गोयल ने स्विस उद्यमियों को साफ संदेश दिया कि अब व्यापार का युग पारस्परिकता का है। अगर वे भारत में अपने उत्पादों के लिए मानकों में ढील चाहते हैं, तो भारत की वस्तुओं को भी वही सुविधाएं मिलनी चाहिए।
यूके और अन्य देशों के साथ बढ़ते व्यापारिक संबंध
ऑस्ट्रेलिया और यूएई के बाद भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता किया है। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के साथ बातचीत लगभग अंतिम चरण में है। न्यूजीलैंड, पेरू और चिली जैसे देशों के साथ भी वार्ता जारी है।
महाराष्ट्र में स्विस कंपनी की ज़मीन समस्या हल
बर्न में एक बैठक के दौरान स्विस कंपनी एंड्रेस प्लस हाउजर ने महाराष्ट्र में ज़मीन की समस्या उठाई। पीयूष गोयल ने तुरंत राज्य के उद्योग मंत्री से बात की और ढाई घंटे में समस्या का समाधान करवा दिया।
एफडीआई में गिरावट नहीं, भारत बना निवेशकों की पहली पसंद
गोयल ने कहा कि भारत में एफडीआई में कोई गिरावट नहीं है। वैश्विक ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से कुछ प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर भारत में विदेशी निवेश का प्रवाह मजबूत बना हुआ है।
748 अरब डॉलर का एफडीआई आया भारत में
2014-25 के बीच भारत ने 748.78 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया, जो पिछले 11 सालों की तुलना में 143% अधिक है। साथ ही एफडीआई भेजने वाले देशों की संख्या भी 89 से बढ़कर 112 हो गई है, जो भारत की वैश्विक लोकप्रियता को दिखाता है।