
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने में अब मात्र तीन दिन शेष हैं। 24 मई को गोविंदघाट से तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था रवाना होगा। सेना के अथक प्रयासों के बाद यात्रा मार्ग पर बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है।
418 स्वतंत्र ब्रिगेड इंजीनियरिंग कोर के 25 जवानों ने करीब एक माह तक अत्यंत विषम मौसम परिस्थितियों का सामना करते हुए अटलाकोटी से हेमकुंड साहिब तक के रास्ते से भारी मात्रा में बर्फ हटाई है। अटलाकोटी क्षेत्र में हिमखंड काटकर पैदल यात्रियों के लिए विशेष रास्ते तैयार किए गए हैं। वर्तमान में हेमकुंड साहिब में अब भी लगभग पांच फीट तक बर्फ मौजूद है।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनजमेंट ट्रस्ट के मुख्य कार्याधिकारी सरदार सेवा सिंह के अनुसार गुरुद्वारे और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के आसपास स्नान के लिए सरोवर क्षेत्र में भी बर्फ हटाई गई है। यात्रा मार्ग पर स्थित घांघरिया तक राशन, पानी और बिजली की व्यवस्था पहले से सुचारु कर दी गई है।
यात्रा को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से लोक निर्माण विभाग घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक के मार्ग पर रेलिंग लगाने के कार्य में जुटा हुआ है। 23 मई को ऋषिकेश से यात्रियों का दल गोविंदघाट पहुंचेगा। गोविंदघाट में अखंड पाठ, अरदास और भोग के आयोजन के बाद यात्रियों का जत्था पंच प्यारों के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा।
गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर बने नए बेली ब्रिज को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है। वर्तमान में पुल के एप्रोच रोड का निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे यात्रियों को पुलना तक वाहन सुविधा मिल सकेगी।
उधर विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने घाटी के पैदल मार्ग की मरम्मत और हिमखंडों को हटाने के कार्य में तेजी ला दी है।