
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को कंपनियों में निवेश का लालच देकर और डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर रहा था।
गिरोह की धरपकड़
साइबर क्राइम थाना की टीम ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सक्रिय इस गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपितों में से सात को जेल भेजा जा चुका है, जबकि तीन से पुलिस रिमांड पर पूछताछ कर रही है। जांच में इनके पास से 18 मोबाइल, एक लैपटॉप, 80 बैंक खाते, 14 एटीएम कार्ड और 25 चेक बुक बरामद हुई हैं।
ठगी का तरीका
एसपी आशवंत सिंह धालीवाल के अनुसार, गिरोह के सदस्य फर्जी कंपनियां बनाकर उनके बैंक खाते खोलते थे। इसके बाद देश भर के लोगों को यह भ्रम देकर पैसे ले लेते थे कि उनके निवेश पर मुनाफा होगा। बुजुर्गों को “डिजिटल गिरफ्तारी” की धमकी देकर भी पैसे जमा करवाए जाते थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपित पैसे को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर निकाल लेते थे। प्रारंभिक जांच में 70-80 बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली है।
संचार का तरीका
जांच में यह भी पता चला कि आरोपित वाट्सएप और विदेशी नंबरों से कॉल कर लोगों को निवेश के लिए फंसाते थे। कभी-कभी वे नकली पुलिस अधिकारी बनकर बुजुर्गों को डराते और पैसे अपने खातों में जमा कराते थे।
साइबर अपराधों की संख्या
देश भर में इस गिरोह के खिलाफ 150 से अधिक साइबर अपराध मामले दर्ज हैं। पुलिस को शक है कि गिरोह का नेटवर्क विदेशों तक फैला हुआ था।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
रूपिंदर सिंह, शिकोहाबाद, फरोजाबाद
प्रियांशु जायसवाल, इंद्र नगर, लखनऊ
संदीप कुमार, गोबिंदपुरा, आंबेडकर नगर
विकास, फरीदपुर कुतुब
सनबान व अमन, शेरवानी नगर, लखनऊ
शेषनाथ, गोलगापार, सुल्तानपुर
प्रदीप कुमार यादव, जोगामाऊ, अमेठी
नेपाल सिंह, शाहपुर कलां, बुलंदशहर
प्रकाश चंद, फरीदाबाद, हरियाणा
पटियाला की ठगी का मामला
गिरोह ने पटियाला के अमरजीत सिंह से 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार रुपये, जवाहर लाल से 1 करोड़ 14 लाख 40 हजार रुपये, और रमेश शर्मा से 57 लाख रुपये की ठगी की थी।