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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब की भगवंत मान सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी में बड़ा और किसान हितैषी बदलाव किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की जमीन जबरन नहीं लेगी, बल्कि पूरी प्रक्रिया किसानों की मर्जी और उनकी सहमति से ही आगे बढ़ेगी। उनका जोर इस बात पर है कि नई नीति से खासकर छोटे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा।

जमीन छीनने की बात नहीं, किसान की सहमति है जरूरी!
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि लैंड पूलिंग नीति का मतलब जमीन हड़पना या छीनना नहीं है। यह सरकार की तरफ से किसानों को विकास में शामिल करने का एक बेहतर तरीका है। इस नीति के तहत सरकार तभी किसी किसान की जमीन अधिग्रहण करेगी जब किसान खुद इसके लिए राजी होगा। उन्हें समझाया जाएगा कि कैसे उनकी जमीन का उचित और लाभकारी विकास किया जाएगा, जिससे भविष्य में उन्हें बड़ा लाभ मिले।

छोटे किसानों के लिए 'वरदान' साबित होगी ये नीति!
मान सरकार का मानना है कि छोटे किसानों के लिए यह नीति किसी वरदान से कम नहीं है। अक्सर छोटे किसानों के पास बिखरी हुई या छोटी जमीन होती है, जिस पर वे कोई बड़ा विकास कार्य खुद नहीं कर पाते। इस नीति के जरिए, सरकार ऐसी जमीनें लेती है और उस पर आधुनिक शहरी योजनाएं, सड़कें, घर या अन्य जरूरी ढांचागत सुविधाएं विकसित करती है। विकास के बाद, सरकार निर्धारित नियमों के तहत उस जमीन के मालिकों को विकसित प्लॉट वापस देती है या मुआवजा देती है।

अतिक्रमण से बचाई जाएंगी बेशकीमती जमीनें:
सरकार का उद्देश्य सिर्फ किसानों को लाभ पहुंचाना नहीं, बल्कि सुनियोजित शहरीकरण करना भी है। पहले कई बार ऐसा देखा गया है कि शहरों के पास की कृषि भूमि पर अनाधिकृत कॉलोनियां या अतिक्रमण हो जाता था। इस नई नीति से अब ऐसी बेशकीमती जमीनें बर्बाद नहीं होंगी, बल्कि उनका उपयोग सरकार की योजनाओं के तहत एक व्यवस्थित तरीके से किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि इस नई नीति के आने से किसानों में व्याप्त सभी प्रकार की शंकाएं दूर हो जाएंगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह बदलाव किसान-विरोधी नहीं, बल्कि उनके हित में है, और इससे उन्हें अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न भी मिलेगा। यह पंजाब के भविष्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।