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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखीसराय जिले में पहली बार भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रोजेक्ट उन्नति योजना लागू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मनरेगा श्रमिकों के कौशल को बढ़ाना और उन्हें आंशिक रोजगार से पूर्ण रोजगार की ओर ले जाना है, ताकि उनकी आजीविका बेहतर हो और मनरेगा पर निर्भरता कम हो।

योजना के तहत 18 से 45 वर्ष की आयु वाले उन मनरेगा लाभार्थियों का चयन किया जाएगा, जिन्होंने पिछले वर्ष कम से कम 100 दिन कार्य किया हो। चयनित लाभार्थियों को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास संस्थान, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें वजीफा भी दिया जाएगा।

लखीसराय जिले में पहले चरण में 37 लाभार्थियों का चयन किया गया है। प्रखंडवार लक्ष्य इस प्रकार है:

चानन: 10

हलसी: 8

सूर्यगढ़ा: 6

लखीसराय: 4

रामगढ़ चौक: 5

बड़हिया: 3

पिपरिया: 1

प्रखंड अधिकारी मनरेगा के तहत 100 दिन का कार्य पूरा करने वाले परिवार के एक वयस्क सदस्य का चयन करेंगे और उसकी सूची डीआरडीए कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।

पदाधिकारियों का कहना है कि इस पहल के माध्यम से मनरेगा श्रमिकों को स्वरोजगार के लिए जरूरी कौशल प्रदान किया जाएगा। इससे उनकी आजीविका में सुधार होगा और परिवार का भरण-पोषण सशक्त तरीके से किया जा सकेगा।

सुमित कुमार, डीडीसी, लखीसराय के अनुसार, “प्रोजेक्ट उन्नति के जरिए मनरेगा श्रमिकों को कौशल विकास के अवसर मिलेंगे, ताकि वे आंशिक रोजगार से पूर्ण रोजगार की ओर बढ़ सकें और मनरेगा पर निर्भरता कम हो।”