img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ इस बार विशेष उत्साह और व्यापक सहभागिता के साथ मनाई जाएगी। प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम 29 दिसंबर से 2 जनवरी तक लगातार पांच दिन चलेंगे। इस बार आयोजन में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है।

कार्यक्रमों के तहत अंगद टीला पर होने वाले आयोजनों में सभी नगरवासियों को खुला आमंत्रण दिया गया है। पांच दिनों के धार्मिक अनुष्ठानों के लिए 108 यजमान बनाए जाने की योजना है, जिनकी भूमिका अलग-अलग कार्यक्रमों में तय की जाएगी।

स्थानीय सहभागिता पर विशेष जोर

राम मंदिर ट्रस्ट और मंदिर प्रशासन के बीच इस आयोजन को लेकर कई दौर की चर्चा हो चुकी है और तैयारियों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। बीते दिनों ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने रामनगरी के व्यापारियों के साथ बैठक कर संवाद और समन्वय को मजबूत करने का प्रयास किया। इस बैठक में पहली बार बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारी शामिल हुए।

ट्रस्ट की योजना के अनुसार 25 से अधिक व्यापारियों को यजमान बनाया जाएगा, साथ ही सामान्य गृहस्थों को भी धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल किया जाएगा। इससे पहले ध्वजारोहण कार्यक्रम में आमंत्रण को लेकर उठे सवालों के बाद इस बार स्थानीय लोगों को वरीयता दी जा रही है।

बीते विवादों से सीख, समन्वय की नई पहल

पिछले ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण किए जाने के बाद दिए गए कुछ बयानों से विवाद खड़ा हुआ था, जिसकी गूंज राजनीतिक गलियारों और संसद तक सुनाई दी। हालांकि ट्रस्ट पदाधिकारियों ने उस समय सार्वजनिक टिप्पणी से दूरी बनाए रखी, लेकिन अब स्थानीय समाज और संगठन के साथ संतुलन और सहयोग पर जोर दिया जा रहा है।

धार्मिक अनुष्ठानों की रूपरेखा

इन पांच दिनों में श्रीरामचरितमानस गान, श्रीराम कथा, मंडल पूजा और यज्ञ अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। 108 यजमान मंदिर परिसर के यज्ञ कुंड में आहुतियां अर्पित करेंगे। डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने स्पष्ट किया कि अंगद टीला के कार्यक्रम सभी के लिए खुले होंगे और यजमानों का चयन मुख्य रूप से स्थानीय लोगों से किया जाएगा।