
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : दवाओं और स्वस्थ आहार के अलावा, कुछ प्राकृतिक उपचार भी मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। अमरूद के पत्ते इनमें विशेष रूप से लोकप्रिय हो रहे हैं।
शोध बताते हैं कि अमरूद के पत्तों में मौजूद यौगिक इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकने में मदद कर सकते हैं, खासकर टाइप 2 मधुमेह के रोगियों के लिए। जापान जैसे देशों में लोग लंबे समय से अमरूद के पत्तों की चाय का सेवन करते आ रहे हैं, जिसे मधुमेह और प्री-डायबिटिक रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
मधुमेह को न केवल दवाओं से, बल्कि उचित आहार और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिए भी नियंत्रित करना बेहद ज़रूरी है। उचित आहार का पालन करना रक्त शर्करा संतुलन बनाए रखने की कुंजी है।
इस प्रयास में, कुछ प्राकृतिक खाद्य पदार्थ और औषधीय पौधे मददगार हो सकते हैं। इन प्राकृतिक उपचारों में अमरूद के पत्ते एक शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभरे हैं, जो धीरे-धीरे दुनिया भर के मधुमेह रोगियों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
अमरूद के पत्तों को मधुमेह के प्रबंधन के लिए रामबाण माना जाता है क्योंकि इनमें कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो रक्त शर्करा में अचानक वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं। 2010 में न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिज्म पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि अमरूद के पत्तों की चाय इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इंसुलिन प्रतिरोध टाइप 2 मधुमेह का मुख्य कारण है, जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है।
जापान जैसे पूर्वी देशों में लोग वर्षों से अमरूद के पत्तों की चाय को अपने आहार के हिस्से के रूप में उपयोग करते आ रहे हैं और इसे मधुमेह और प्री-डायबिटीज दोनों के लिए फायदेमंद मानते हैं।
अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल करने के लिए आप या तो उन्हें धोकर सीधे चबा सकते हैं या फिर उन्हें उबालकर उनकी चाय बनाकर पी सकते हैं। हालाँकि, विशेषज्ञ हमेशा इस बात पर ज़ोर देते हैं कि मधुमेह नियंत्रण के लिए सिर्फ़ अमरूद के पत्तों पर निर्भर रहना ही काफ़ी नहीं है।
इन उपायों को अपनी दैनिक दवाओं, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और रक्त शर्करा की निगरानी के साथ मिलाकर ही इस बीमारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। कोई भी नया तरीका अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा ज़रूरी होता है।