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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स स्थित सिडनी में हुए आतंकी हमले में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार (14 दिसंबर) को सिडनी के बॉन्डी बीच पर हनुक्का का त्योहार मनाया जा रहा था। उसी शाम दो हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, इस आतंकी हमले को अंजाम देने वाले पिता-पुत्र थे, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई।

इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक बहस छेड़ दी है। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज़ की सरकार पर यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। नेतन्याहू ने कहा कि फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने जैसे फैसले यहूदी-विरोधी गतिविधियों को भड़काते हैं और वैश्विक यहूदी-विरोधी भावना के खिलाफ़ कड़ा रुख अपनाना ज़रूरी है। ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं और घटना की पूरी जांच, जिसमें आतंकवादी पहलू भी शामिल है, जारी है।

पिता और पुत्र ने मिलकर यहूदियों को निशाना बनाया।

ऑस्ट्रेलियाई जांच एजेंसियों ने संदिग्धों की पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी है। हमलावरों की पहचान पिता-पुत्र के रूप में हुई है। 50 वर्षीय पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह भी पुलिस हिरासत में है। यह हमला यहूदी त्योहार हनुक्का मना रहे यहूदियों को निशाना बनाकर किया गया था, जिसमें 16 लोग मारे गए और 42 घायल हुए।

सिडनी गोलीबारी के बारे में एक प्रत्यक्षदर्शी ने क्या कहा

सिडनी हमले में पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा हो गया है। ऑस्ट्रेलियाई जांच एजेंसियां ​​इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि हमले में शामिल पिता और पुत्र पाकिस्तानी मूल के हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, चश्मदीद मार्कोस कार्वाल्हो ने कहा, "शुरुआत में गोलीबारी के समय मुझे पटाखों जैसी आवाज सुनाई दी। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि बोंडी में गोलीबारी हो सकती है। गोली चलने की आवाज सुनते ही मैं भागने लगा।"