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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : वर्षों की बातचीत के बाद आखिरकार भारत और ब्रिटेन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो गए। इससे न केवल कई चीज़ें सस्ती होंगी, बल्कि दोनों देशों में रोज़गार और निवेश के नए रास्ते भी खुलेंगे। गुरुवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारर की मौजूदगी में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए।

दोनों देशों के बीच बहुत अधिक व्यापार होगा।

दोनों देशों के बीच लगभग 56 अरब डॉलर का व्यापार है, जिसे 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इस समझौते के तहत, भारत ने 2030 तक 250 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग निर्यात का लक्ष्य भी रखा है। भारत और ब्रिटेन के बीच हुए इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत, 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर से टैरिफ हटा दिए जाएँगे। इसमें कपड़ों से लेकर समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खिलौने, ऑटो कंपोनेंट, ऑर्गेनिक केमिकल्स जैसे कई उद्योगों के उत्पाद शामिल हैं।

उदाहरण के लिए, वर्तमान में भारत से ब्रिटेन जाने वाले कपड़ों पर 12 प्रतिशत, रसायनों पर 8 प्रतिशत और मूल धातुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगता है। इस समझौते के बाद, इन वस्तुओं के निर्यात पर शुल्क हटा दिए जाएँगे। इसके अलावा, सभी चिकित्सा उपकरण भी ब्रिटेन को शून्य शुल्क पर निर्यात किए जा सकेंगे। भारतीय पेशेवरों को तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा भुगतान से छूट मिलेगी।

अंगूर और कटहल भारत से लंदन जाएंगे

भारत ने इस सौदे में डेयरी, सेब, खाना पकाने का तेल, जई जैसे संवेदनशील कृषि उत्पादों को पूरी तरह से बाहर रखा है, जिन पर द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ बातचीत रुकी हुई है क्योंकि अमेरिका इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है, जबकि भारत अपने देश के किसानों के हितों की रक्षा करते हुए ऐसा नहीं होने देना चाहता।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि "शुल्क मुक्त पहुँच अगले तीन वर्षों में भारत के कृषि निर्यात को 20 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ा सकती है, जिससे उसे 2030 तक 100 अरब डॉलर के कृषि निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।" इसके साथ ही, कटहल, बाजरा, अंगूर, प्याज, मसाले, चाय-कॉफी, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, जैविक औषधीय पौधे, झींगा, टूना, अचार जैसे उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।