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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कांवड़ यात्रा... करोड़ों शिव भक्तों की आस्था का महापर्व। इस दौरान उनकी सुरक्षा और सेहत का ख्याल रखना कितना ज़रूरी है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी समझा है। एक अहम आदेश में, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी होटल, ढाबे और खाने-पीने की दुकानों को अपनी सभी तरह की लाइसेंस जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है।

क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
यह फैसला दरअसल कांवड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लिया गया है। पिछले कुछ सालों में कांवड़ यात्रा के दौरान फूड पॉइजनिंग और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मामले सामने आए थे, जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई। इसी को लेकर एक अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

क्या-क्या दिखाना होगा?
इस आदेश के तहत, इन प्रतिष्ठानों को अपनी दुकान पर साफ-साफ अक्षरों में अपने खाद्य सुरक्षा (Food Safety), स्वास्थ्य (Health) और सुरक्षा (Safety) से जुड़े सभी वैध लाइसेंस प्रदर्शित करने होंगे। इसका मकसद यह है कि कांवड़िए और अन्य यात्री यह सुनिश्चित कर सकें कि जिस जगह वे खाना खा रहे हैं, वह कानूनी रूप से सही है और साफ-सफाई व सुरक्षा मानकों का पालन कर रही है।

किन राज्यों पर लागू होगा यह आदेश?
यह आदेश उन सभी राज्यों पर लागू होगा जहां से होकर कांवड़ यात्रा गुजरती है, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली। अदालत ने यह भी साफ किया है कि इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों और उनके अधिकारियों की होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी होटल, ढाबे और खाने-पीने की दुकानें इन नियमों का सख्ती से पालन करें।

यह कदम यकीनन कांवड़ यात्रा को और सुरक्षित और स्वस्थ बनाने में मददगार साबित होगा, ताकि भोले के भक्त बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा पूरी कर सकें और उन्हें स्वच्छ व सुरक्षित भोजन मिल सके।