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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : थायराइड के कारण वजन बढ़ना, थकान और नींद की समस्या हो सकती है। इसलिए सही डाइट अपनाएँ और कुछ चीज़ें खाना तुरंत बंद कर दें। अगर थायराइड में कोई भी विकार हो तो शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। जैसे अचानक वजन बढ़ना या कम होना, थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और हार्मोनल असंतुलन। ऐसे में सबसे ज़रूरी है सही डाइट लेना। इसके लिए आपको कुछ चीज़ें खाना बंद करना होगा।

सोया उत्पाद: सोया और इससे बने खाद्य पदार्थ (सोया दूध, टोफू) थायराइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें मौजूद यौगिक आयोडीन की कमी को और बढ़ा देते हैं। इसलिए थायराइड के रोगियों को सोया से बचना चाहिए।

सोया उत्पाद: सोया और इससे बने खाद्य पदार्थ (सोया दूध, टोफू) थायराइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें मौजूद यौगिक आयोडीन की कमी को और बढ़ा देते हैं। इसलिए थायराइड के रोगियों को सोया से बचना चाहिए।

ज़्यादा चीनी: थायराइड की समस्या में ज़्यादा मीठा खाने से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है और वज़न बढ़ने की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए, चीनी, मिठाई और जंक फ़ूड को डाइट से हटा देना चाहिए।

ज़्यादा चीनी: थायराइड की समस्या में ज़्यादा मीठा खाने से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है और वज़न बढ़ने की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए, चीनी, मिठाई और जंक फ़ूड को डाइट से हटा देना चाहिए।

प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फ़ूड: चिप्स, स्नैक्स, फ्रोजन फ़ूड और पैकेज्ड स्नैक्स में मौजूद प्रिज़र्वेटिव और सोडियम थायरॉइड को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इन्हें खाने से सूजन और हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है।

प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फ़ूड: चिप्स, स्नैक्स, फ्रोजन फ़ूड और पैकेज्ड स्नैक्स में मौजूद प्रिज़र्वेटिव और सोडियम थायरॉइड को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इन्हें खाने से सूजन और हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है।

पत्तागोभी और ब्रोकली: पत्तागोभी और ब्रोकली थायराइड हार्मोन को ब्लॉक कर सकते हैं। खासकर अगर इन्हें ज़्यादा मात्रा में कच्चा खाया जाए, तो थायराइड की समस्या और भी बदतर हो सकती है। ज़्यादा कैफीन: चाय और कॉफ़ी में मौजूद कैफीन थायराइड की दवाओं के असर को कम कर देता है। साथ ही, यह हृदय गति और चिंता की समस्या को भी बढ़ा सकता है। इसलिए कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में करें।

पत्तागोभी और ब्रोकली: पत्तागोभी और ब्रोकली थायराइड हार्मोन को ब्लॉक कर सकते हैं। खासकर अगर इन्हें ज़्यादा मात्रा में कच्चा खाया जाए, तो थायराइड की समस्या और भी बदतर हो सकती है। 

ज़्यादा कैफीन: चाय और कॉफ़ी में मौजूद कैफीन थायराइड की दवाओं के असर को कम कर देता है। साथ ही, यह हृदय गति और चिंता की समस्या को भी बढ़ा सकता है। इसलिए कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में करें।

अत्यधिक कैफीन: चाय और कॉफ़ी में मौजूद कैफीन थायरॉइड दवाओं के असर को कम कर देता है। साथ ही, यह हृदय गति और चिंता को बढ़ा सकता है। इसलिए कैफीन का सेवन सीमित करें।

अत्यधिक कैफीन: चाय और कॉफ़ी में मौजूद कैफीन थायरॉइड दवाओं के असर को कम कर देता है। साथ ही, यह हृदय गति और चिंता को बढ़ा सकता है। इसलिए कैफीन का सेवन सीमित करें।

तले हुए खाद्य पदार्थ: थायरॉइड के रोगियों को तले हुए खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ शरीर में वसा जमा करते हैं और हार्मोन संतुलन को बिगाड़ते हैं। इससे वज़न और बढ़ सकता है।

तले हुए खाद्य पदार्थ: थायरॉइड के रोगियों को तले हुए खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ शरीर में वसा जमा करते हैं और हार्मोन संतुलन को बिगाड़ते हैं। इससे वज़न और बढ़ सकता है।

लाल मांस और उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद: लाल मांस और उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों (फुल-क्रीम दूध, पनीर, मक्खन) को पूरी तरह से त्याग देना ज़रूरी है। इनमें मौजूद वसा थायराइड हार्मोन को प्रभावित करती है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाती है।

लाल मांस और उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद: लाल मांस और उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों (फुल-क्रीम दूध, पनीर, मक्खन) को पूरी तरह से त्याग देना ज़रूरी है। इनमें मौजूद वसा थायराइड हार्मोन को प्रभावित करती है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाती है।