Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत के ऐतिहासिक स्मारक हमें हमारी गौरवशाली विरासत की याद दिलाते हैं। आइए देखें कि मुगल काल में इन ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण कैसे हुआ। भारत की पहचान न केवल उसकी संस्कृति और परंपराओं से है, बल्कि उसकी ऐतिहासिक इमारतों से भी है, जिन्होंने समय, भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों का सामना करते हुए आज भी अपनी मज़बूती से खड़ी हैं। ताजमहल, कुतुब मीनार और लाल किला जैसे धरोहर स्थल न केवल स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं, बल्कि प्राचीन शिल्पकारों के वैज्ञानिक और रचनात्मक दृष्टिकोण को भी दर्शाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि इन इमारतों के निर्माण में किन तकनीकों और सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया था, जिनकी वजह से ये संरचनाएँ आज भी इतनी स्थिर और टिकाऊ हैं? आइए जानें।

दुनिया के सात अजूबों में से एक, आगरा स्थित ताजमहल अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपनी निर्माण तकनीक के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक दस्तावेज़ बताते हैं कि इसका निर्माण राजस्थान के मकराना खदान से लाए गए सफ़ेद संगमरमर से हुआ था।

इसमें ईंटें, मीठा चूना पत्थर, लाल मिट्टी, गोंद, कांच और खारपरेल जैसी सामग्रियाँ भी शामिल थीं। पत्थरों को जोड़ने के लिए गुड़, गन्ना, काला चना, दही, बेलगिरी का पानी, भांग और छोटे-छोटे कंकड़ मिलाकर एक विशेष गारा तैयार किया गया था।

कीमती पत्थरों को बिछाने के लिए पिएत्रा ड्यूरा तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। इसकी नींव कुओं और मेहराबों से मज़बूत की गई थी, जिससे सदियों तक इसकी मज़बूती बनी रही।

कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था और इल्तुतमिश ने पूरा करवाया था। यह इमारत मुख्यतः लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी है।

इसकी पहली तीन मंजिलें लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं, जबकि ऊपर की दो मंजिलें संगमरमर और बलुआ पत्थर से बनी हैं। इसकी ऊँचाई ही नहीं, बल्कि इसकी नक्काशी भी इसे अनोखा बनाती है।

दिल्ली का लाल किला भी अपनी मजबूती और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर और चूने के गारे से किया गया था।

कारीगरों ने हाथों से बारीक नक्काशी की, जो आज भी एक वास्तुशिल्प चमत्कार है। हालाँकि, आधुनिक इमारतें सीमेंट और अन्य कृत्रिम सामग्रियों से बनी होती हैं, फिर भी वे अक्सर प्राकृतिक आपदाओं के कारण ढह जाती हैं।
                    
                      
                                         
                                 
                                    



