
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अपनी रक्षा क्षमताओं को और मज़बूत करते हुए, भारत ने गुरुवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया। परीक्षणों ने सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया। ये परीक्षण सामरिक बल कमान की निगरानी में किए गए।
JUST IN!
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) July 17, 2025
Successful test-firing of Short-Range #BallisticMissile - #Prithvi-II and #Agni-1 - was carried out from the Integrated Test Range in #Chandipur, Odisha today. All operational and technical parameters have been validated. The launches were conducted under the aegis of…
रक्षा मंत्रालय ने दो बैलिस्टिक मिसाइलों के सफल परीक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि आज ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों का सत्यापन कर लिया गया है। यह प्रक्षेपण सामरिक बल कमान की निगरानी में किया गया।
पृथ्वी-II मिसाइल की विशेषताएं
पृथ्वी-II एक स्वदेशी सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 250-350 किलोमीटर है और यह 500-1000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है।
यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और एक उन्नत जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली से लैस है जो इसे उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य पर प्रहार करने में सक्षम बनाती है। पृथ्वी-II को 2003 में भारत की सामरिक बल कमान में शामिल किया गया था। पृथ्वी-II मिसाइल को उच्च विस्फोटक, भेदन, क्लस्टर युद्ध सामग्री, विखंडन, थर्मोबैरिक, रासायनिक हथियारों और सामरिक परमाणु हथियारों से सुसज्जित किया जा सकता है।
मिसाइलों ने 15 हजार फीट की ऊंचाई से विशिष्ट लक्ष्यों पर प्रहार किया
आकाश प्राइम को 15 हज़ार फीट की ऊँचाई पर स्थापित किया जा सकता है। यह लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद सकता है। इस सफल परीक्षण ने चीन और पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि भारतीय सेना लगातार मज़बूत हो रही है। लद्दाख की भीषण ठंड और कम ऑक्सीजन की स्थिति में, स्वदेश निर्मित आकाश प्राइम मिसाइलों ने 15 हज़ार फीट की ऊँचाई से दो तेज़ गति से उड़ रहे लक्ष्य विमानों को मार गिराया। इस नई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से वायु रक्षा इकाई द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।