
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान-इजराइल युद्ध के मद्देनजर कश्मीरियों समेत सभी भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीन विश्वविद्यालयों के छात्रों को फिलहाल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। अन्य छात्रों को भी स्थानांतरित किया जा रहा है। ईरान में दस हजार भारतीय छात्र हैं, जिनमें करीब डेढ़ हजार कश्मीरी हैं। ज्यादातर छात्र वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं।
Advisory for all Indian nationals and Persons of Indian Origin currently in Iran. @MEAIndia @IndianDiplomacy pic.twitter.com/hACYKyaeId
— India in Iran (@India_in_Iran) June 15, 2025
सरकारी सूत्रों ने बताया कि ईरान के हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते निकाला जा रहा है। आर्मेनिया से छात्रों को जॉर्जिया और फिर पश्चिम एशिया के रास्ते भारत लाया जा सकता है। 110 छात्रों का पहला समूह अर्मेनियाई सीमा पर पहुंच चुका है।
भारतीय दूतावास ने सोमवार को तेहरान से छात्रों को निकालने के लिए बसों का इंतजाम किया था। तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के भारतीय छात्रों को सुबह 10 बजे (ईरानी समयानुसार) वेलंजक यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 2 से क़ोम शहर भेजा गया।
उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। भारतीय दूतावास ने शिराज यूनिवर्सिटी और इस्फ़हान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रशासन से बात की है। मंगलवार सुबह छात्रों को यहां से निकाला जाएगा।
जानकारी टेलीग्राम चैनल पर अपडेट की जा सकती है।
दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों से घरों के अंदर रहने और आधिकारिक चैनलों पर नज़र रखने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने एक टेलीग्राम चैनल बनाया है जहाँ छात्र अपने संपर्क विवरण अपडेट कर सकते हैं और अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय दूतावास ने अराक विश्वविद्यालय से सभी भारतीय छात्रों को निकालने में मदद का अनुरोध किया है।