
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश में निवेश को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया अब तेज़ हो चुकी है। ‘इन्वेस्ट यूपी’ ने अब हर जिले की निवेश परियोजनाओं की मासिक समीक्षा शुरू कर दी है। खास बात यह है कि कन्नौज इस मामले में सबसे आगे निकल गया है। यहां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GBC-4) के तहत शुरू की गई 65 परियोजनाओं में से 50 पहले ही ज़मीन पर उतर चुकी हैं। बाकी बची 15 योजनाओं पर भी इस वित्तीय वर्ष में काम शुरू कराने की तैयारी चल रही है।
दूसरी ओर, गाजीपुर, अंबेडकर नगर, अमेठी, बलिया, महाराजगंज, लखीमपुर खीरी, हरदोई, बस्ती और बदायूं जैसे जिलों में भी प्रगति देखने को मिल रही है। इन जिलों की कुल 909 परियोजनाओं में से अब तक 631 को धरातल पर उतारा जा चुका है।
इन्वेस्ट यूपी में प्रशासनिक बदलाव के बाद अब पूरे सिस्टम को ज्यादा सख्त और पारदर्शी बनाया गया है। पहले निवेश से जुड़ी जानकारी संबंधित विभाग ही अपडेट करते थे, लेकिन अब ‘इन्वेस्ट यूपी’ खुद सभी जिलों और विभागों से आंकड़े इकट्ठा कर रहा है और अपनी वेबसाइट पर अपडेट कर रहा है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GBC-4) में कुल 10 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 14,000 परियोजनाओं पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक सिर्फ 2.80 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं में ही व्यापारिक संचालन शुरू हो पाया है।
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने जिलों में तैनात उद्यमी मित्रों से लंबित प्रोजेक्ट्स की जानकारी जुटाई है। लेकिन कुछ जिलों का प्रदर्शन अभी भी निराशाजनक है। हाथरस, प्रतापगढ़, अयोध्या, कानपुर नगर, ललितपुर, गोंडा, बागपत, अमरोहा, लखनऊ और बदायूं जैसे जिलों से 147 परियोजनाओं पर कोई ताज़ा जानकारी नहीं भेजी गई है।
खासकर राजधानी लखनऊ की 296 परियोजनाओं में से 29 के बारे में कोई अपडेट इन्वेस्ट यूपी तक नहीं पहुंचा है। कानपुर नगर की 236 परियोजनाओं में से 30 और अयोध्या की 190 में से 25 प्रोजेक्ट्स पर भी जानकारी नहीं दी गई है।
इन्वेस्ट यूपी ने इन जिलों के उद्यमी मित्रों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द लंबित परियोजनाओं की स्थिति स्पष्ट की जाए, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।