
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत में लोगों की खाने-पीने की पसंद बहुत अलग-अलग होती है। कुछ लोग शुद्ध शाकाहारी होते हैं, कुछ मांसाहारी। कुछ लोग मांस नहीं खाते, बल्कि अंडे खाते हैं, जबकि अब कई लोग पूरी तरह से शाकाहारी हो गए हैं। यानी न दूध, न घी, न अंडे, बस पूरी तरह से वनस्पति-आधारित आहार।
इसलिए, हम जो कुछ भी खाते हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी होना ज़रूरी हो गया है। ऐसे में अगर आप ध्यान से देखें, तो हर खाने-पीने की चीज़ के पैकेट पर एक छोटा सा रंगीन निशान होता है - कभी हरा, कभी लाल, कभी पीला, नीला या काला।
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह सिर्फ़ डिज़ाइन का हिस्सा नहीं है, बल्कि आपकी सेहत से जुड़ी अहम जानकारी देता है। आइए जानें कि इन रंगों का क्या मतलब है और आपको काले निशानों को लेकर ख़ास तौर पर क्यों सावधान रहना चाहिए।
हरे और लाल निशान
हरा निशान: यह दर्शाता है कि उत्पाद पूरी तरह से शाकाहारी है। यानी इसमें मांस, अंडे या अन्य पशु उत्पाद नहीं हैं।
लाल निशान: यह दर्शाता है कि यह उत्पाद मांसाहारी है। अगर आप शाकाहारी हैं तो इस पर विशेष ध्यान दें।
अभी तक अधिकतर लोग केवल इन दो रंगों को ही पहचानते हैं, लेकिन जानकारी यहीं समाप्त नहीं होती।
अब जानें अन्य रंगों का अर्थ
नीला निशान
यह दर्शाता है कि यह उत्पाद दवा से संबंधित है। इसका मतलब है कि इसका इस्तेमाल किसी चिकित्सीय स्थिति में किया जा सकता है और डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
पीला निशान
इससे पता चलता है कि उत्पाद में अंडा मौजूद है। यह जानकारी उन लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है जो अंडे नहीं खाते।
काला निशान
अगर किसी खाने के पैकेट पर काला निशान है, तो इसका मतलब है कि उस उत्पाद में ढेर सारे रसायन हैं। ये स्वाद बढ़ाने, रंग देने या लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए मिलाए जाते हैं, लेकिन ज़्यादा मात्रा में ये सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि काले निशान वाली चीज़ों का ज़्यादा सेवन पाचन तंत्र, लिवर और किडनी पर बुरा असर डाल सकता है। इन्हें लंबे समय तक डाइट में शामिल करने से बीमारियों का ख़तरा कई गुना बढ़ सकता है।
क्या करें?
जब भी आप कोई खाद्य पदार्थ खरीदें, उसके पैकेट पर दिए गए रंगीन चिह्नों की जांच करें।
बच्चों के नाश्ते, स्नैक्स, मिठाइयों और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर काले निशान अधिक आम हैं - उन्हें नियमित रूप से देने से बचें।
यदि किसी उत्पाद पर काले निशान हों तो बेहतर है कि उसे न खरीदें या बहुत कम मात्रा में उपयोग करें।
खाने के पैकेट पर लगे छोटे-छोटे रंगीन निशान आपकी सेहत की सुरक्षा के लिए हैं - ये आपकी पसंद और ज़रूरत के हिसाब से सही चुनाव करने में आपकी मदद करते हैं। अब जब आप इनका मतलब समझ गए हैं, तो अगली बार जब आप बाज़ार जाएँ, तो सिर्फ़ स्वाद या ब्रांड के आधार पर खरीदारी न करें, बल्कि उसके रंगों की भाषा भी समझें।