
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : क्या बरसात के मौसम में पेट की समस्याएँ बढ़ जाती हैं? इस मौसम में उमस, गंदगी और खान-पान में लापरवाही का सीधा असर पेट की सेहत पर पड़ता है। इस मौसम में अपनी सेहत का ध्यान रखना आपके लिए बेहद ज़रूरी हो जाता है। मानसून में बीमारियों से बचने के लिए आपको बहुत सावधान रहना होगा।

नमी और गर्मी के कारण खाना जल्दी खराब हो जाता है। ज़रा सी लापरवाही फ़ूड पॉइज़निंग में बदल सकती है, जो पेट में तेज़ दर्द का मुख्य कारण बन जाती है।
बरसात के मौसम में शरीर का पाचन तंत्र थोड़ा धीमा हो जाता है। मसालेदार, तले हुए खाद्य पदार्थ पेट पर ज़्यादा दबाव डालते हैं, जिससे गैस, ऐंठन और दर्द जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।

मानसून के दौरान संक्रमण का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है। बैक्टीरिया दूषित पानी या हाथों के ज़रिए पेट में प्रवेश कर सकते हैं और पेट की परत को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

बरसात के मौसम में जलभराव और गंदगी बढ़ जाती है, जिससे पीने-खाने की चीज़ें जल्दी संक्रमित हो जाती हैं। गंदे पानी और बाहर के खाने से पेट में बैक्टीरिया या वायरस पैदा हो सकते हैं।

बरसात के मौसम में मक्खियों और कीड़ों की संख्या बढ़ जाती है। ये खाने पर बैठते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया फैला सकते हैं, जिससे पेट में संक्रमण और दर्द हो सकता है।