
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच IRCTC घोटाला मामले में लालू प्रसाद के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। अब कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
इस धारा के अंतर्गत लगाया गया जुर्माना है
जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं उनमें आईपीसी की धारा 420, आईपीसी की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(डी) शामिल हैं। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(1)(डी) सिर्फ लालू प्रसाद यादव पर इसलिए लगाई गई है क्योंकि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया था।
अदालत ने पूछा - क्या आप अपराध स्वीकार करते हैं?
अदालत ने लालू यादव से पूछा कि क्या उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है, लेकिन लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने इनकार कर दिया। लालू परिवार ने अदालत से कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। हालाँकि, राबड़ी यादव ने कहा कि यह एक झूठा मामला है।
आईआरसीटीसी घोटाले में सीबीआई ने क्या आरोप लगाए ?
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि 2004 से 2014 के बीच, एक साज़िश के तहत, पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में संचालन और रखरखाव के लिए बिहार स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धोखाधड़ी और हेराफेरी की गई और सुजाता होटल्स के पक्ष में शर्तों में बदलाव किया गया। आरोपपत्र में तत्कालीन आईआरसीटीसी महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल के साथ-साथ सुजाता होटल्स के निदेशकों विजय कोचर और विनय कोचर, जो चाणक्य होटल्स के मालिक हैं, का भी नाम है।