
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश सरकार को इस साल जून महीने में राजस्व संग्रह में एक अनोखा ट्रेंड देखने को मिला है। जहां जीएसटी, परिवहन, खनिज और अन्य टैक्स स्रोत उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, वहीं शराब, बीयर और भांग जैसी नशे की चीजों की बिक्री ने सरकार की झोली भर दी। जून 2024 के मुकाबले इस बार सरकार को 1058.23 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है, जिसमें से अकेले 1026.22 करोड़ रुपये आबकारी विभाग से आए हैं।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जून 2025 में कुल 15,924.73 करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हुई है। राज्य कर विभाग ने 9,696.53 करोड़ रुपये जुटाए, जो कि पिछले साल के 9,483.18 करोड़ रुपये से थोड़ा ही ज्यादा है। लेकिन जीएसटी संग्रह में मामूली गिरावट आई — 6,656.54 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार 6,645.52 करोड़ रुपये ही मिल पाए।
वहीं वैट से इस बार 3,051.01 करोड़ रुपये मिले हैं, जो पिछले साल के 2,826.64 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं। लेकिन असली छलांग आबकारी राजस्व में दिखी — पिछले साल के 3,432.01 करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार यह बढ़कर 4,458.23 करोड़ रुपये पहुंच गया।
स्टांप और रजिस्ट्री विभाग से भी हल्की बढ़त दिखी है — 2,510.31 करोड़ से बढ़कर 2,666.25 करोड़ रुपये। लेकिन परिवहन विभाग और खनिज विभाग में गिरावट दर्ज की गई। परिवहन का राजस्व 1,126.10 करोड़ रुपये से घटकर 830.15 करोड़ और खनिज विभाग का राजस्व 373.13 करोड़ से घटकर 331.80 करोड़ रुपये रह गया।
वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सरकार को 72,620.18 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 54,186.64 करोड़ रुपये की वसूली हो सकी है। हालांकि आबकारी विभाग ने खुद को लक्ष्य के बेहद करीब पहुंचाया है — जून तक 14,400 करोड़ रुपये के मुकाबले 14,228.92 करोड़ रुपये की वसूली हुई है, जो कि 98.8 प्रतिशत है।