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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखनऊ के प्रशासनिक हलकों में इन दिनों गहमागहमी का माहौल है। उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च प्रशासनिक पद, यानी मुख्य सचिव की कुर्सी, पर कौन बैठेगा, इस बात पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। निवर्तमान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का दूसरा कार्यकाल विस्तार 30 जून को समाप्त हो रहा है, और इसके साथ ही एक नए चेहरे की तलाश तेज़ी से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब उस अधिकारी का चुनाव करेंगे, जिस पर उन्हें प्रदेश के विकास और सुशासन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपनी है।

यह पद प्रदेश की नौकरशाही का सिरमौर होता है, और इसके लिए केवल वरिष्ठता ही नहीं, बल्कि अनुभव, दूरदृष्टि, स्वच्छ छवि और सबसे बढ़कर, मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री का विश्वास सबसे अहम होता है। इस दौड़ में कई काबिल और अनुभवी आईएएस अधिकारी शामिल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नामों पर चर्चा गरम है।

फिलहाल, इस पद के लिए सबसे मज़बूत दावेदारों में अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। प्रशासनिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि इस बार प्रदेश सरकार उसी अधिकारी को वरीयता दे सकती है, जिनका सेवाकाल लंबा बचा हो, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में निरंतरता बनी रहे।

हालांकि, मुकाबला कड़ा है और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इन प्रमुख नामों में अपर मुख्य सचिव (गृह) अनिल कुमार, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग, और अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) हेमंत राव शामिल हैं। इसके अलावा, अपर मुख्य सचिव वित्त, देवेश चतुर्वेदी, और श्रम विभाग के अपर मुख्य सचिव, आलोक कुमार का नाम भी चर्चा में है। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, दीपक कुमार और ग्रामीण विकास के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण भी इस महत्वपूर्ण दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।

दिल्ली में भी इस पर खूब मंथन चल रहा है क्योंकि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने वाले कुछ अधिकारी भी इस पद के लिए फिट हो सकते हैं। आमतौर पर, मुख्य सचिव के चयन में अधिकारी की साफ़-सुथरी छवि, सरकार की योजनाओं को ज़मीन पर उतारने की क्षमता और राजनैतिक नेतृत्व से उनका तालमेल अहम भूमिका निभाता है।

जैसे-जैसे 30 जून की तारीख़ नज़दीक आ रही है, लखनऊ में उत्सुकता बढ़ती जा रही है। सभी यह जानने को बेचैन हैं कि यूपी की बागडोर एक नए प्रशासनिक प्रमुख के हाथों में कब और किस नाम के साथ जाएगी।