
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन अब दिल्ली पहुँच गया है। संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और राजधानी की सड़कों पर मार्च निकाल रहे हैं। इंडी अलायंस का यह मार्च संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक जाएगा जिसमें विपक्ष के कई बड़े नेता हिस्सा ले रहे हैं।
बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध की आवाज अब दिल्ली तक पहुंच गई है। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए राजधानी की सड़कों पर मार्च निकालना शुरू कर दिया है। इंडी एलायंस का यह मार्च संसद के मकर द्वार से चुनाव आयोग कार्यालय तक निकाला जा रहा है, जिसमें विपक्ष के कई बड़े नेता हिस्सा ले रहे हैं।
राहुल-प्रियंका हिरासत में
संसद से चुनाव आयोग तक मार्च में शामिल विपक्षी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा, "वे (सरकार) बात नहीं कर सकते। सच्चाई देश के सामने है। यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान की लड़ाई है। हम एक साफ़-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।"
टीएमसी सांसद बेहोश हो गए
विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद मिताली बाग अचानक बेहोश हो गईं और महुआ मोइत्रा की भी तबीयत बिगड़ने लगी। ऐसे में राहुल गांधी ने उनकी मदद की और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
अखिलेश बैरिकेड फांदकर कूदे
विपक्ष के मार्च को देखते हुए पूरे रास्ते पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई जगहों पर बैरिकेडिंग भी लगाई गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़े, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया है।
नजरबंदी के बाद नेताओं को कहां ले जाया गया ?
दिल्ली पुलिस अधिकारी दीपक पुरोहित के अनुसार, हिरासत में लिए गए सभी विपक्षी नेताओं को नज़दीकी पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। कितने सांसद हिरासत में हैं? गिनती जारी है। यहाँ विरोध प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं थी। दिल्ली में रूट मार्च की अनुमति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाने का सुझाव दिया है।
विपक्ष क्यों मार्च कर रहा है?
विपक्ष का यह मार्च बिहार में चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के तहत कई लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। विपक्ष ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 'वोट चोरी' का भी आरोप लगाया है।