img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (1 सितंबर) को कहा कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण पूरा शहर थम सा गया है और यह आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं है तथा सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। हाईकोर्ट ने मुंबई में सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया और जरांगे और उनके समर्थकों को मंगलवार दोपहर तक स्थिति सुधारने और सभी सड़कें खाली करने का मौका दिया।

कहां विरोध कर रहे हैं मनोज जारंग?

मनोज जारंगे 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखर की पीठ ने विशेष सुनवाई में कहा कि प्रदर्शनकारी आंदोलन के लिए निर्धारित स्थान आजाद मैदान पर नहीं रुके हैं और उन्होंने दक्षिण मुंबई के कई महत्वपूर्ण इलाकों को अवरुद्ध कर दिया है।

मनोज जारंग विरोध क्यों कर रहे हैं?

वे मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। वे मराठों के लिए 'कुनबी' का दर्जा मांग रहे हैं ताकि समुदाय को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण का लाभ मिल सके। उनके समर्थकों का दावा है कि जारंग ने सोमवार से पानी पीना बंद कर दिया है।

उच्च न्यायालय ने क्या कहा?

अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और चर्चगेट रेलवे स्टेशन, मरीन ड्राइव और उच्च न्यायालय भवन जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर जमा हो गए हैं। अदालत ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं है। जारेंज और अन्य प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई के आज़ाद मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति देते समय निर्धारित हर शर्त का उल्लंघन किया है। पीठ ने कहा, "हम जारेंज और उनके समर्थकों को तुरंत स्थिति सुधारने और मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली करने का अवसर दे रहे हैं।"

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि प्रशासन मराठा आरक्षण के लिए कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के लिए संभावित कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।

मनोज जारांगे ने चेतावनी दी

मनोज जारंग ने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने समुदाय की आरक्षण मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो पाँच करोड़ से ज़्यादा मराठा मुंबई आ जाएँगे। जारंग ने आंदोलनकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि उनकी वजह से मुंबई के लोगों को कोई असुविधा न हो।

जाम कहाँ था?

प्रदर्शनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और दक्षिण मुंबई के अन्य इलाकों में एकत्र हुए, जिससे यातायात जाम हो गया और यात्रियों को असुविधा हुई।